रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया नौसेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित, कहा- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी

डीएन ब्यूरो

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि दुनिया की मौजूदा स्थिति और रूस - यूक्रेन युद्ध से यह तय हो गया है कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी है और नौसेना को इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाते हुए समुद्री व्यापार, सुरक्षा और राष्ट्रीय समृद्धि में योगदान देना चाहिए। पढ़िये पूरी रिपोर्ट

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि दुनिया की मौजूदा स्थिति और रूस-यूक्रेन युद्ध से यह तय हो गया है कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी है और नौसेना को इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाते हुए समुद्री व्यापार, सुरक्षा और राष्ट्रीय समृद्धि में योगदान देना चाहिए।

श्री सिंह ने गुरूवार को यहां नौसेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मौजूदा सुरक्षा माहौल की चर्चा करते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से यह स्पष्ट हो गया है कि किसी पर निर्भर रहने से काम नहीं चलेगा और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अत्यधिक जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए नौसेना को आत्मनिर्भर भारत योजना में बढ चढ कर योगदान देते हुए देश के समुद्री व्यापार, सुरक्षा और राष्ट्रीय समृद्धि को सुनिश्चित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि नौसेना ने सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत पूंजीगत बजट का 64 प्रतिशत हिस्सा घरेलू उद्योगों से खरीद में ही लगाया है। इसके अलावा मौजूदा वित्त वर्ष में नौसेना के आधुनिकीकरण पर खर्च हो रही राशि का 70 प्रतिशत भी स्वदेशी उपकरणों की खरीद में खर्च किया जा रहा है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि अभी नौसेना के जो 41 पनडुब्बी और पोत बनाये जा रहे हैं उनमें से 39 घरेलू शिपयार्डों में ही बनाये जा रहेे हैं। उन्होंने कहा कि नौसेना के नेतृत्व को भविष्य में क्षमता निर्माण और देश के समुद्री हितों की रक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में भी प्रयासों को निरंतर आगे बढाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश में ही बनाया जा रहा विमानवाहक पोत विक्रांत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस विमानवाहक पोत ने तीन समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिये हैं। उन्होंने कहा कि इस पोत का लोकार्पण देश की आजादी के 75 वें वर्ष में किये जाने के लिए हर संभव प्रयास किये जाने चाहिए। यह आजादी का अमृत महोत्सव की सफलता को चार चांद लगायेगा।

भविष्य की लड़ाइयों और अभियानों में तीनों सेनाओं में एकीकरण के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सैन्य कमानों का पुनर्गठन और एकीकृत थियेटर कमानों के गठन से ही भविष्य में सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि समुद्री थियेटर कमान के बारे में भी तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने नौसेना की सराहना करते हुए कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद वह हर स्थिति से पूरी तरह निपटने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश की संप्रभुता और समृद्धि सशस्त्र सेनाओं पर निर्भर है, इसलिए मजबूत तथा विश्वसनीय नौसेना की जरूरत को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। (यूनीवार्ता)










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