देखे तस्वीरें: पीएम मोदी के करीबी आईएएस अरविंद शर्मा ने ज्वाइन की यूपी में भाजपा, डाइनामाइट न्यूज़ की खबर हुई सच

मनोज टिबड़ेवाल आकाश

डाइनामाइट न्यूज़ की खबर आखिरकार सच हुई। गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस अरविंद शर्मा ने लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। देखें पूरी खबर:

भाजपा में शामिल हुए अरविंद शर्मा
भाजपा में शामिल हुए अरविंद शर्मा


लखनऊ: डाइनामाइट न्यूज़ की खबर आखिरकार सच हुई। गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस अरविंद शर्मा ने लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।

भाजपा ज्वाइनिंग करते शर्मा

यह खबर दो दिन पहले भी डाइनामाइट न्यूज़ ने दी थी। शर्मा मूल रुप से मऊ के निवासी हैं।

देखें लिंक: डाइनामाइट न्यूज़ की खबर ने मचाया तहलका: पीएम मोदी के करीबी आईएएस अरविंद शर्मा थोड़ी देर में होंगे भाजपा में शामिल

उनको योगी मंत्रिमंडल मे शामिल किये जाने की प्रबल संभावना है। इसके लिए उन्हें एमएलसी बनाया जायेगा। 

ज्वाइनिंग के बाद शर्मा का बयान

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ज्वाइनिंग के बाद शर्मा ने डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि वे इस नयी पारी के लिए पीएम के आभारी हैं, पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, वे उसे निभायेंगे। 

देखें लिंक: क्या होगा पीएम मोदी के करीबी आईएएस अरविंद शर्मा का अगला कदम? क्या जुड़ेंगे यूपी की राजनीति से?

शर्मा पिछले बीस साल से नरेन्द्र मोदी के सहयोगी अफसर के रुप में काम कर रहे थे। सत्ता प्रतिष्ठान में इन्हें पीएम मोदी का काफी भरोसेमंद माना जाता है। 

भाजपा से जुड़े एके शर्मा

1 अक्टूबर 2001 से लेकर 30 मई 2014 तक ये लगातार तेरह साल गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में साथ जुड़कर काम करते रहे। जब केन्द्र में मोदी सत्तासीन हुए तो पहली बार ये बतौर आईएएस (IAS) केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली आये और सीधे इनकी तैनाती प्रधानमंत्री कार्यालय बतौर संयुक्त सचिव हुई। 3 जून 2014 से लेकर 30 अप्रैल 2020 तक लगातार 6 साल ये पीएमओ में तैनात रहे। 

लॉकडाउन में बदली थी भूमिका
देश जिस समय लॉकडाउन जैसी गंभीर चुनौती से जूझ रहा था, उस वक्त पीएम ने इन्हें पीएमओ से बाहर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का सचिव बनाकर भेज दिया ताकि चुनौतीपूर्ण हालात में ये देश के छोटे-छोटे उद्योग धंधों की हालत सुधार सकें। उस समय पीएम ने अरविंद के अलावा एक और आईएएस तरुण बजाज को भी वित्त मंत्रालय में पीएमओ से बाहर तैनाती थी, तब भी काफी लोगों ने इन दोनों नियुक्तियों को अचरज भरी निगाह से देखा था। करीब आठ महीने के इस कार्यकाल के बाद सोमवार को अचानक शर्मा के वीआएस लेने की खबर सामने आयी। 

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आजमगढ़, मऊ और प्रयागराज से है गहरा नाता
डाइनामाइट न्यूज़ के मऊ संवाददाता के मुताबिक मऊ जिले की मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के रानीपुर ब्लाक के काझाखुर्द गांव के मूल निवासी शर्मा के माता-पिता का नाम शिवमूर्ति राय एवं शांति देवी है। इनके बड़े पुत्र अरविंद का जन्म 11 जुलाई 1962 को हुआ। शुरुआती पढ़ाई गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय से हुई। इसके पश्चात डीएवी इंटर कालेज से हाईस्कूल तथा इंटर की पढ़ाई पूरी कर इन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 

आगामी भूमिका

दिल्ली के सत्ता प्रतिष्ठान से डाइनामाइट न्यूज़ को मिली अंदर की खबर के मुताबिक शर्मा का कद काफी मजबूत होगा। मूल रुप से मऊ जिले के निवासी शर्मा भूमिहार जाति से आते हैं और इनकी छवि एक ईमानदार और विनम्र अफसर की रही है। लखनऊ में इनकी सबसे बड़ी भूमिका होगी पीएम मोदी के इच्छानुसार सिस्टम को कसकर काबू में रखना। शर्मा की राजनीतिक एंट्री के साथ यूपी की शीर्ष नौकरशाही में बड़ा बदलाव आने के प्रबल संकेत हैं। 










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