घूंघट में मरीज बन सरकारी अस्पताल पहुंचीं SDM, सच्चाई जान स्टाफ के उड़े होश, अखिलेश यादव ने दी ये सलाह

फिरोजाबाद की एसडीएम सदर कृतिराज मंगलवार को जब घूंघट की ओट में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दीदामई में मरीज के रूप में पहुंची तो अव्यवस्थाएं हावी दिखीं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 13 March 2024, 11:49 AM IST
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फिरोजाबाद: SDM सदर कृति राज ने घूंघट में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। एसडीएम को लगातार सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को होने वाली असुविधाओं के संबंध में शिकायतें मिल रहीं थीं। शिकायतों के बाद मंगलवार को उप-विभागीय मजिस्ट्रेट सदर कृति राज ने सरकारी स्वास्थ्य केंद्र का घूंघट में निरीक्षण किया। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर इस मामले को लेकर हमला बोला है। साथ ही महिला अफसर के साहस की तारीफ की और सलाह भी दी। 

जानकारी के अनुसार, मंगलवार को एसडीएम सदर कृतिराज ने घूंघट में मरीज बनकर दीदामई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निरीक्षण के लिए पहुंच गईं। वह सबसे पहले, मरीजों के साथ पर्चा बनवाने के लिए कतार में खड़ी हुईं। मरीजों की भीड़ लगी थी, लेकिन बनाने वाला कर्मचारी नहीं था।

काफी देर में पर्चा बना, इसके बाद वह इंजेक्शन लगवाने के लिए काउंटर पर पहुंच गईं। इसके बाद वो स्टोर में पहुंचीं। यहां दवाएं एक्सपॉयरी थीं। वार्डों के गद्दों में धूल जमी थी। शौचालय की साफ-सफाई व्यवस्था बदहाल थी। 

उन्होंने सीएससी के हाल की रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को भेजने का निर्णय लिया है, जिससे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। उन्होंने सुरक्षा गार्ड, गाड़ी, अर्दली और स्टाफ को अस्पताल से पहले छोड़ दिया। घूंघट की ओट में एसडीएम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर दाखिल हुईं। मरीजों की लाइन में खड़ी हो गईं। काफी देर बाद उनका नंबर आया तो उन्होंने दूसरे नाम से पर्चा बनवाया।

एसडीएम सदर कृति राज का कहना है ''मुझे दीदा माई स्वास्थ्य केंद्र के संबंध में शिकायत मिली थी कि कुत्ते के काटने का इंजेक्शन लगाने के लिए डॉक्टर सुबह 10 बजे के बाद भी मौजूद नहीं थे। मैं वहां गुमनाम रूप से घूंघट में गई थी। डॉक्टर का व्यवहार उचित नहीं था। अधिकांश दवाओं का स्टॉक समाप्त हो चुका था। साफ-सफाई भी नहीं रखी गई थी। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसारअखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि स्वयं घूंघट में जाकर, उप्र की चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ा पर्दा उठाकर सच्चाई दिखाने वाली साहसी महिला अधिकारी को संभलकर रहना होगा, नहीं तो इस डॉक्टर-दवाई के बिना चलने वाली उप्र की बीमारू चिकित्सा व्यवस्था के गोरखधंधे के खुलासे से शर्मसार हुई भाजपा सरकार कहीं ज्ञानवर्धन के बहाने उनको अध्ययन हेतु विदेश ही न भेज दे। सुना है इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य मंत्री जी अस्वस्थ-अवस्था’ में हैं। अब Expiry Date की दवाई से रोगी को ठीक करने की जुमांटी (जुमला+गारंटी) देनेवाली भाजपा सरकार की भी Expiry Date निकट आ गई है।