लालू प्रसाद यादव की जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई याचिका पर नोटिस देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने झारखंड के डोरंडा राजकोष मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत को चुनौती देने वाली केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका सोमवार को लंबित मामले से जोड़ दी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने झारखंड के डोरंडा राजकोष मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत को चुनौती देने वाली केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका सोमवार को लंबित मामले से जोड़ दी। इस मामले में यादव को पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई थी।

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि वह नोटिस जारी नहीं कर रही है बल्कि, सीबीआई की ओर से दायर ऐसे ही लंबित मामले से इसे जोड़ रही है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू और अधिवक्ता रजत नायर ने मामले में नोटिस जारी करने का अनुरोध किया, लेकिन पीठ ने कहा कि वह एक साथ मामले की सुनवाई करेगी और नोटिस जारी करने की इच्छुक नहीं है।

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सीबीआई ने मामले में यादव को जमानत देने संबंधी झारखंड उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल 2022 के आदेश को चुनौती दी थी।

यादव (74) चारा घोटाले से संबंधित मामलों में सजा पाने के बाद खराब स्वास्थ्य की वजह से फिलहाल जमानत पर हैं।

रांची में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने चारा घोटाले से संबंधित पांचवें मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री यादव को पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपये जुर्माना लगाया था। यह मामला डोरंडा राजकोष से 139 करोड़ रुपये के गबन से संबंधित है।

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सीबीआई अदालत ने यादव को पिछले साल 15 फरवरी को इस मामले में दोषी करार दिया था। 21 फरवरी को उन्हें पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई थी और 60 लाख रुपये जुर्माना लगाया था।










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