संत कबीर नगर: निर्माण की बाट जोह रहे चार प्रस्तावित थाने, जानिए मुख्यालय से क्यों नही मिल रही मंजूरी

उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जनपद में चार नए थाने बनने का प्रस्ताव सालों से लटका पड़ा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 18 March 2024, 6:45 PM IST
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संत कबीर नगर: शासन एवं पुलिस मुख्यालय से मंजूरी न मिल पाने की वजह जनपद में चार नए थानों का प्रस्ताव सालों से अधर में लटका हुआ है, जिससे नए थानों के खुलने एवं निर्माण का रास्ता साफ नहीं हो पाया। जिले में आने वाले कई आईपीएस अधिकारियों ने कोतवाली खलीलाबाद क्षेत्र के कांटे, महुली थाना क्षेत्र के काली जगदीशपुर व धनघटा थाना क्षेत्र के पौली और लोहरैया में थाना बनने का प्रस्ताव भिजवाया। लेकिन हर बार अभी तक मायूसी मिली।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनपद की जनसंख्या 20 लाख के पार हो रही है। थाना से घटना स्थल पर समय से पहुंचना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। धनघटा थाना वर्तमान में जिले का सबसे बड़ा थाना है। जो बस्ती, अंबेडकरनगर और गोरखपुर को जोड़ता है।

धनघटा थाना 13 किलोमीटर चौड़ा व 38 किलोमीटर लंबा और 326 गांव हैं। इनमे से पौली थाना के लिए 99 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के 87 गांव और लोहरैया थाना के लिए 132 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के 116 गांव निकालकर थाना बनना प्रस्तावित है।

 महुली थाना की भी दूरी क्षेत्रफल में कम नही है। महुली थाना से 296 वर्ग किलोमीटर काटकर 117 गांव से काली जगदीशपुर के नाम से थाना बनने का प्रस्ताव भेजा गया है। कोतवाली खलीलाबाद क्षेत्र के 272 गांव से 93 गांव और दुधारा थाना क्षेत्र से 21 गांव काटकर कांटे को थाना बनाने का प्रस्ताव तैयार करके शासन स्तर तक भेजा गया। इसके बाद भी अभी तक मंजूरी नही मिल सकी है।

पुलिस विभाग के जानकारों के मुताबिक जिले में प्रस्तावित सभी चारों थानों के मानक पूरे हैं। विशेषज्ञों की माने तो 75 हजार से लेकर एक लाख की जनसंख्या पर थाना खोला जा सकता है। प्रस्तावित कांटे थाना की जनसंख्या लगभग पौने दो लाख, काली जगदीशपुर सवा लाख, लोहरैया और पौली थाना का भी जनसंख्या लाख के पार पहुंच रहा है।

इन क्षेत्रों में होने वाले अपराध भी कम नहीं हैं। इसके बाद भी नए थानों को लेकर पेंच फंसा हुआ है और शासन व पुलिस मुख्यालय स्तर से मंजूरी नही मिल पा रहा है।

एसपी सत्यजीत गुप्ता ने बताया सोमवार को बताया कि जनपद में कुल नौ महिला थाने हैं। आपराधिक गतिविधियों व सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए चार नए थानों का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय भेजा गया है। लेकिन अभी तक कोई मंजूरी नही मिली है। 

उन्होंने बताया कि उच्चस्तर से मंजूरी मिलने के बाद ही नए थानों का निर्माण कार्य हो सकेगा।