सैम पित्रोदा के 'विरासत टैक्स' पर गरमाई राजनीति, कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला, जानिये क्या कहा भाजपा ने

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के एक बयान पर सियासी बवाल छिड़ गया है। पित्रोदा के बयान को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमला कर रही है। वहीं, कांग्रेस ने मामले को तूल पकड़ता देख बयान से किनारा कर लिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

पित्रोदा के बयान से राजनीति गरमराई
पित्रोदा के बयान से राजनीति गरमराई


नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पीएम मोदी के संपत्ति के बंटवारे वाले बयान के बाद विरासत टैक्स को लेकर की गई टिप्पणी से भारत की राजनीति में हलचल मचा दी है।

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सैम पित्रोदा ने कहा, 'अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को दे सकता है। 55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार यह एक दिलचस्प नियम है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। हालांकि पूरी नहीं, आधी ही। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है।'

सैम पित्रोदा की टिप्पणी पर केंद्रीय गृह मंत्री गृह मंत्री अमित ने निशान साधते हुए कहा कि सैम पित्रोदा की टिप्पणी के बाद कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। सबसे पहले उनके घोषणा पत्र में सर्वे का जिक्र, मनमोहन सिंह की पुराना बयान जो कांग्रेस की विरासत है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है, और अब सैम पित्रोदा की अमेरिका का हवाला देते हुए टिप्पणी कि धन के वितरण पर विचार-विमर्श होना चाहिए।

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की तरफ से भारत में 'विरासत टैक्स' लगाए जाने की मांग वाले बयान से पार्टी ने ही पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि सैम पित्रोदा को खुलकर और आजादी से अपने विचार रखने का अधिकार है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि पित्रोदा के विचार किसी मुद्दे पर कांग्रेस का पक्ष हों। कई बार वे नहीं होते।

पित्रोदा के इसी बयान को लेकर जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "वे मेरे और दुनिया में कई लोगों के अच्छे मेंटर, दोस्त और मार्गदर्शक रहे हैं। पित्रोदा किसी भी मुद्दे पर अपनी राय को स्वतंत्रता के साथ रख सकते हैं। जाहिर तौर पर एक लोकतंत्र में लोगों को अपने निजी विचारों पर चर्चा करने और उन्हें रखने का अधिकार है।

इसका यह मतलब नहीं कि उनका विचार हमेशा कांग्रेस का विचार दर्शाता हो। कई बार ऐसा नहीं होता है। उनके बयान को इस वक्त सनसनीखेज बनाकर चलाना और इसे परिप्रेक्ष्य से बाहर ले जाना पीएम मोदी के दुर्भावनापूर्ण चुनावी अभियान से ध्यान बंटाने की कोशिश है।"










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