सड़क एवं परिवहन मंत्रालय इस तरह जुटायेगा 35,000 करोड़ रुपये, जानिये पूरी योजना
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अपनी परिसंपत्तियों को बाजार में चढ़ाकर (मौद्रीकरण के जरिये) 35,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। पिछले वित्त वर्ष के लिए यह लक्ष्य 32,855 करोड़ रुपये था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अपनी परिसंपत्तियों को बाजार में चढ़ाकर (मौद्रीकरण के जरिये) 35,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। पिछले वित्त वर्ष के लिए यह लक्ष्य 32,855 करोड़ रुपये था।
फिलहाल मंत्रालय तीन तरीकों से अपनी संपत्तियों का मौद्रीकरण करता है। इनमें एक टोल-परिचालन-स्थानांतरण (टीओटी) मॉडल है। इसके अलावा मंत्रालय अवसंरचना निवेश न्यास (इनविट) और परियोजना आधारित वित्तपोषण के जरिये अपनी संपत्तियों से धन जुटाता है। इसके पीछे मकसद यह होता है कि सभी श्रेणी के निवेशक राजमार्ग और संबद्ध परिसंपत्तियों में निवेश कर सकें।
इनविट म्यूचुअल फंड की तर्ज पर एक ऐसा माध्यम है जिसे निवेशकों से धन जुटाने और संपत्ति में निवेश के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें समय के साथ नकदी प्रवाह मिलता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इसका अधिक ब्योरा देते हुए अधिकारी ने कहा 2023-24 में 15,000 करोड़ रुपये द्रुत गति के गलियारों के परियोजना आधारित वित्तपोषण से जुटाए जाएंगे। वहीं 10,000 करोड़ रुपये इनविट से जुटाने की योजना है।
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उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रालय की 2023-24 में टीओटी के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है।
अधिकारी के अनुसार, पिछले चार वर्षों में 28 फरवरी, 2023 तक मंत्रालय अपनी परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण से 67,997 करोड़ रुपये जुटा चुका है।
उन्होंने कहा कि टीओटी के माध्यम से अबतक 1,614 किलोमीटर के मौद्रीकरण से 26,366 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। इसमें से 3,144 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2022-23 में फरवरी, 2023 तक जुटाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि चरण एक और दो में 635 किलोमीटर के साथ इनविट के जरिये अबतक 10,200 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
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इसमें से 2,850 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2022-23 में 28 फरवरी, 2023 तक जुटाए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के परियोजना आधारित वित्तपोषण से अबतक 31,321 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। इसमें से पिछले वित्त वर्ष में फरवरी तक 7,584 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।