RBI New Repo Rate: आरबीआई ने की रेपो रेट में कटौती, उद्याेग जगत ने दी ये प्रतिक्रिया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो दर में चौथाई फीसदी की कटौती के फैसले का स्वागत करते हुए उद्याेग जगत ने आज कहा कि केंद्रीय बैंक का उदार रुख वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए विकास के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत देता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 1 October 2025, 2:12 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो दर में चौथाई फीसदी की कटौती के फैसले का स्वागत करते हुए उद्याेग जगत ने आज कहा कि केंद्रीय बैंक का उदार रुख वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए विकास के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत देता है।

वाणिज्य एवं उद्योग संगठन फिक्की के अध्यक्ष हर्ष वर्धन अग्रवाल ने बुधवार को आरबीआई के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “फिक्की इस वर्ष दूसरी बार रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के आरबीआई के निर्णय का स्वागत करता है। उदार रुख विकास का समर्थन करने और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता का संकेत देता है। अब हम बैंकों द्वारा कम उधार दरों के रूप में दर कटौती के त्वरित और प्रभावी हस्तांतरण की उम्मीद करते हैं।”

श्री अग्रवाल ने कहा, “इस समय यह अनिवार्य है कि हम विकास के घरेलू कारकों को लगातार मजबूत करें क्योंकि वैश्विक वातावरण बहुत गतिशील है और कई अनिश्चितताओं से भरा है और हम नीतिगत दर के संबंध में आरबीआई के आज के निर्णय को उस दिशा में एक कदम के रूप में देखते हैं। फिक्की ने सभी विनियमित संस्थाओं और सभी ऋणों में सह-उधार व्यवस्थाओं के दायरे का विस्तार करने के प्रस्ताव पर भी ध्यान दिया है। यह एक उत्साहजनक कदम है, जो ऋण प्रवाह को बढ़ाएगा और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में वित्तीय पहुंच का विस्तार करेगा।

बीएलएस ई-सर्विसेज के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने कहा, “रेपो दर में यह कटौती विशेष रूप से उन बैंकों के लिए लाभकारी साबित होगी, जिनका साख-जमा अनुपात कम है। इससे बाजार में तरलता बढ़ेगी और ऋण प्रवाह में सुधार होगा। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कृषि क्षेत्र की मजबूत संभावनाओं पर ज़ोर दिया, जो फसल उत्पादन में मजबूती के चलते संभव हो रहा है। ग्रामीण मांग और सकारात्मक कारोबारी धारणा के साथ यह समग्र आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगा।”

श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के कार्यकारी निदेशक और मुख्य निवेश अधिकारी अश्वनी धनावत ने कहा, “वैश्विक व्यापार तनाव और टैरिफ युद्ध के बीच आरबीआई का यह कदम एक रणनीतिक परिवर्तन को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य घरेलू निवेश और उपभोग को बढ़ावा देना है। स्टैंडर्ड जमा सुविधा (एसडीएफ) दर को 5.75 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा (एमएसएफ) दर को 6.25 प्रतिशत पर समायोजित किया गया है। वहीं, वित्त वर्ष26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत और खुदरा महंगाई चार प्रतिशत पर रहने का अनुमान है, फिर भी बाहरी दबाव इन अनुमानों को चुनौती दे सकते हैं।”

उग्रो कैपिटल के मुख्य वित्त अधिकारी किशोर लोढ़ा ने कहा, “पिछले चार-पांच महीनों में आरबीआई द्वारा की गई विभिन्न पहलों की यह नीति निरंतरता का संकेत देती है। बीते कुछ सप्ताह में तंत्र में टिकाऊ तरलता की वापसी हुई है। उदार रुख इसी प्रवृत्ति को दर्शाता है। यह कटौती उच्च ब्याज दरों के युग से राहत दिलाने में सहायक होगी लेकिन यह देखना होगा कि बैंक इस कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक कितनी जल्दी और कितनी कुशलता से पहुंचा पाते हैं।”

मनसुम सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक अनंतराम वरयूर ने कहा, “रेपो दर में कटौती और नीति में लचीलापन रियल एस्टेट क्षेत्र विशेषकर सीनियर लिविंग परियोजनाओं के लिए सकारात्मक संकेत है। ब्याज दरें घटने से आवास की मांग बढ़ेगी, जिससे इस क्षेत्र को गति मिलेगी।”

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 9 April 2025, 9:02 PM IST