मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करना शर्मनाक और अलोकतांत्रिक: रामगोविंद चौधरी

डीएन ब्यूरो

यूपी के बलिया में बासडीह कोतवाली पुलिस द्वारा मैरीटार गांव के 24 लोगों के खिलाफ नामजद और 35 से 40 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के मामले में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने बयान दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट

रामगोविंद चौधरी (फाइल फोटो)
रामगोविंद चौधरी (फाइल फोटो)


बलिया: अभिषेक पासवान की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद अक्रोशित जनसमुदाय द्वारा मैरिटार चौराहे पर विरोध प्रदर्शन करने पर बासडीह कोतवाली पुलिस द्वारा मैरीटार गांव के 24 लोगों के खिलाफ नामजद और 35 से 40 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की घटना शर्मनाक और अलोकतांत्रिक हैं। यह बात पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने गुरुवार को प्रेस जारी कर कही।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक पिछले गुरुवार को अभिषेक पासवान की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उसके अगले दिन शुक्रवार को मृतक दलित युवक के परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए लोग प्रदर्शन कर रहे थे, जोकि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत था। वहीं प्रशासन ने दलितों को न्याय दिलाने के बजाये उन पर ही मुकदमा कर दिया, जोकि अत्यंत निंदनीय है। 

रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी दलित परिवार को न्याय दिलाने हेतु पूर्ण रुप से खड़ी हैं और पुलिस द्वारा किए गए मुकदमे को वापस करने की मांग करती है। बाबा साहब ने सबको अपनी बात रखने का अधिकार संविधान में दिया है, जिसे वर्तमान सत्ता कमजोर कर रही। वहीं पुलिस भी सत्ता के दबाव में सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता की तरह काम कर रही है, जिसे समाजवादी पार्टी कतई बर्दास्त नहीं कर सकती। 










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