राजनाथ ने एशियाई खेलों के पदक विजेता सैनिकों को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की

डीएन ब्यूरो

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल में चीन के हांगझोऊ में संपन्न एशियाई खेलों में भाग लेने वाले सशस्त्र बलों के पदक विजेताओं, प्रतिभागियों और सहायक कर्मचारियों को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह


नयी दिल्ली:  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल में चीन के हांगझोऊ में संपन्न एशियाई खेलों में भाग लेने वाले सशस्त्र बलों के पदक विजेताओं, प्रतिभागियों और सहायक कर्मचारियों को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उन्होंने इस अवसर पर कहा कि चाहे युद्ध का मैदान हो या फिर खेल का मैदान, एक सैनिक हमेशा ही समर्पण, अनुशासन, कड़ी मेहनत तथा देश के लिए कुछ करने की इच्छाशक्ति के कारण शानदार प्रदर्शन करता है।

सिंह ने यहां आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘एक सैनिक में एक खिलाड़ी होता है, एक खिलाड़ी में एक सैनिक होता है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय एथलीटों का प्रदर्शन विश्व पटल पर तेजी से बढ़ते और शक्तिशाली 'नये भारत' की उभरती हुई छवि को दर्शाता है।

सिंह ने एशियाई खेलों में भाग लेने वाले कुल 76 खिलाड़ियों एवं कर्मचारियों के साथ बातचीत की और उन्हें खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए बधाई दी।

उन्होंने रक्षा मंत्रालय की ओर से सशस्त्र बल के उन कर्मियों को नकद धनराशि पुरस्कार स्वरूप देने की घोषणा की, जिन्होंने 19वें एशियाई खेलों में 16 व्यक्तिगत पदक (3 स्वर्ण, 6 रजत और 7 कांस्य पदक) तथा आठ टीम पदक (2 स्वर्ण, 3 रजत व 3 कांस्य पदक) हासिल करके देश का गौरव बढ़ाया है और एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में अपनी योग्यता साबित की है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘स्वर्ण पदक विजेताओं को 25 लाख रुपये; रजत पदक पाने वालों को 15 लाख रुपये और कांस्य पदक जीतने वालों को 10 लाख रुपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाएगी। 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक आयोजित हुए 19वें एशियाई खेलों में तीन महिला एथलीट सहित 88 सैनिकों की एक टुकड़ी ने 18 विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग लिया था।’’

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में सभी एथलीटों के प्रयासों की सराहना की, जिनमें वे खिलाड़ी भी शामिल थे जिन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन पदक नहीं प्राप्त कर सके।

सिंह ने उनके सामने ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह का उदाहरण दिया, जो 1960 के रोम ओलंपिक में 400 मीटर की दौड़ में बेहद मामूली अंतर से पदक जीतने से चूक गए थे, लेकिन उसके बावजूद वे भारतीय खिलाड़ियों के मार्गदर्शक के रूप में उभर कर सामने आए। उन्होंने कहा कि मिल्खा सिंह आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

सिंह ने विश्वास जताते हुए कहा कि ये पदक एवं प्रदर्शन देश के सभी युवाओं को खेलों के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि आप केवल एक तमगे का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, बल्कि आप भारतीय समाज की उत्कृष्टता की गाथा का भी उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि आप सभी युवाओं को प्रेरणा देने का एक बड़ा माध्यम हैं।

रक्षा मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत रक्षा, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे हरेक क्षेत्र में विकास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि चाहे विश्व बैंक हो या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष हो, आज भारत की विकास यात्रा की चर्चा हर स्थान पर हो रही है।

सिंह ने कहा कि उनकी सरकार भारत में खेल संस्कृति विकसित करने के उद्देश्य के साथ अथक प्रयास कर रही है।

सम्मान समारोह में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी और नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह तथा संबंधित सेवाओं के खेल नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

 










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