राजस्थान की गहलोत सरकार का संकट जारी! डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बाद अब 10 विधायक भी दिल्ली में

डीएन ब्यूरो

राजस्थान की अशोक गहलौत सरकार के संकट में होने की अटकलें अब भी जारी है। जानिये, इस महत्वपूर्ण मामले पर ताजा अपडेट..

फाइल फोटो
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नई दिल्ली: राजस्थान की अशोक गहलौत सरकार पर छाये संकट के बादल और ज्यादा गहराने की अटकलें तेज होती जा रही है। एक तरफ जहां कांग्रेस समेत मुख्यमंत्री अशोक गहलौत इस संकट को टालने के लिये कमर कसे हुए हैं वहीं डिप्टी सीएम सचिन पायलट का अभी तक दिल्ली में मौजूद होना और संकट में घिरती सरकार को बचाने में ज्यादा सक्रियता न दिखाना कई इशारे करता है।

खबरों की मानें तो, राज्य के युवा नेता और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के अलावा कम से कम 10 विधायक भी दिल्ली में मौजूद हैं। जब सीएम गहतौल खुद इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराने के प्रयासों में जुटी है, ऐसी स्थिति में डिप्टी सीएम सचिन और कम से कम 10 पायलटों का राजस्थान में न होना कई सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि अभी तक इस बात के संकेत नहीं मिले हैं कि ये विधायक सचिन पायलट के संपर्क हैं या उनके साथ किसी गोलबंदी में जुटे हैं। लेकिन यह सब कुछ उन स्थितियों की तरफ जरूर इशारा करती है कि क्या पार्टी के भीतर सब कुछ सामान्य है या नहीं? 

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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जयपुर में कांग्रेस के विधायक जितेंद्र सिंह ने ये जानकारी दी है कि राजस्थान के 10 विधायक भी दिल्ली में हैं। बताया जाता है कि दिल्ली में विधायक गुरुग्राम के आसपास ठहरे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक  ये विधायक कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करना चाहते हैं और उन्हें अपनी पीड़ा से भी अवगत कराना चाहतें हैं। हालांकि इन विधायकों के दिल्ली में होने को सचिन पायलट से जोड़कर नहीं देखा जा रहा है लेकिन उनकी असंतुष्टि कब चरम पर पहुंच जाये, ये कहना मुश्किल है।

राजस्थान कांग्रेस नेता और विधायक जितेंद्र सिंह ने भी इस बात से इनकार किया है कि दिल्ली में ठहरे विधायक सचिन पायलट के समर्थन में गोलबंद हुए है। जितेंद्र सिंह की यह बात कांग्रेस को राहत देने वाली जरूर है लेकिन कद्दावर और युवा नेता सचिन पायलट का रुख कांग्रेस की चिंता बढाने वाला जरूर कहा जा सकता है। 

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इस समय संकट की आहट का अनुभव करने वाली कांग्रेस को मध्य प्रदेश के उस हालिया चेप्टर से जरूर सबक लेना चाहिये, जब ज्यौतिरादित्य सिंधिया ने ऐसी ही असंतोष के कारण कांग्रेस का दामन छोड़ा था और बीजेपी में शामिल हुए थे। इसकी परिणिती एमपी में कांग्रेस के तख्तापलट के रूप में सामने आयी और आज वहां भाजपा की शिवराज सिंह चौहान गद्दी पर है। 
 










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