Politics: मायावती बोलींं- प्रवासी मजदूरों को रोजी-रोटी उपलब्ध कराना सरकारकी असली परीक्षा
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों को रोजी-रोटी उपलब्ध कराना केंद्र और राज्य सरकारों की असली परीक्षा है।
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को कहा कि प्रवासी मजदूरों को रोजी-रोटी उपलब्ध कराना केंद्र और राज्य सरकारों की असली परीक्षा है।
3. वास्तव में केन्द्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रु का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा अब यहाँ होनी है। आमजनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए। उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) May 29, 2020
मायावती ने एक ट्वीट श्रंखला में कहा कि प्रवासी मजदूरों के साथ न्याय होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रूपये के राहत पैकेज की अग्नि परीक्षा प्रवासी मजदूरों को न्याय दिलाना है.उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों की सर्वोच्च प्राथमिकता प्रवासी मजदूरों को रोजी रोटी उपलब्ध कराना होना चाहिए ।
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2.किन्तु खासकर यूपी व बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केन्द्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है। इन्हें इनके घर के आसपास स्थाई रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है।
— Mayawati (@Mayawati) May 29, 2020
बसपा नेता ने कहा, " देश में पिछले 66 दिन से लाॅकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्षा और तिरस्कार से पीड़ित जैसे-तैसे घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अन्ततः माननीय न्यायालय को कहना पड़ा कि रेल और बस से उन्हें मुफ्त घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है. बसपा की इस माँग की सरकार अनदेखी करती रही है. " उन्होंने कहा कि खासकर उत्तरप्रदेश और बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केन्द्र और राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है। इन्हें इनके घर के आसपास स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति एवं निष्ठा की असली परीक्षा है।
1.देश में पिछले 66 दिन से लाॅकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्षा/तिरस्कार से पीड़ित जैसे-तैसे घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अन्ततः मा. कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल/बस से उन्हें फ्री घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। बीएसपी की इस माँग की सरकार अनदेखी करती रही है।
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— Mayawati (@Mayawati) May 29, 2020
मायावती ने कहा, " वास्तव में केन्द्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रुपये का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा अब यहाँ होनी है. आम जनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा और बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा एवं तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए. उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए। (वार्ता)