रायबरेली जेल में होगी कैदियों की शिक्षा-दीक्षा, जानिये ये अनूठी पहल

उत्तर प्रदेश की रायबरेली जिला जेल में व्यवस्था सम्भालने के लिये नवांगतुक जेल अधीक्षक अमन कुमार सिंह ने आज पदभार सँभाल लिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 6 October 2024, 12:55 PM IST
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रायबरेली: उत्तर प्रदेश की रायबरेली जिला जेल में व्यवस्था सम्भालने के लिये नवांगतुक जेल अधीक्षक अमन कुमार सिंह ने आज पदभार सँभाल लिया। अमन कुमार सिंह के पदभार ग्रहण के दौरान जेलर हिमांशु रौतेला ने अपने सहकर्मियों का साथ उनका जोरदार स्वागत किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अमन कुमार सिंह ने बीटेक (कंप्यूटर साइंस) से ग्रेजुएशन की। उसके बाद उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग (स्टेट पीसीएस) की परीक्षा उतीर्ण करने के बाद जेल अधीक्षक का पद हासिल किया। रायबरेली में यह उनकी पहली पोस्टिंग है। 

पुलिस, प्रॉसीक्यूशन, कोर्ट व जेल

पदभार ग्रहण करने के अवसर पर अमन कुमार सिंह ने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के चार स्तंभ होते हैं। पुलिस, प्रॉसीक्यूशन, कोर्ट व जेल। शुरुआत के जो तीन पिलर हैं उसमें रिहैबिलिटेशन का स्कोप कम होता है।

रिहेबिलिटेशन और रिफॉर्म

उन्होंने कहा कि जेल में कोई भी बंदी आता है तो उसका हम पुनर्सुधार कर सकते हैं और साथ ही रिहेबिलिटेशन और रिफॉर्म भी कर सकते हैं। जिससे कि वह जब जेल से छूटे तो वह सोसाइटी में जाकर फिर से शामिल हो सके। सोसायटी के लिए वह एक ह्यूमन कैपिटल का काम करें ना कि एक ह्यूमन थ्रेट का।

कैदियों की संख्या

उन्होंने कहा कि रायबरेली जेल की बात की जाए तो हर जेल में एक समस्या रहती है। कैदियों की अधिक संख्या। यहाँ कैदियों की अधिक संख्या होने की कोई प्रॉब्लम नहीं है। 900 क्षमता वाले इस जेल में 900 बंदी रह रहे हैं। इस जेल में कैदियों के भोजन व स्वास्थ्य संबंधित चीजों की व्यवस्थाएं ठीक है।

जेल में स्किल डेवलपमेंट

उन्होंने कहा कि हम लोग स्किल डेवलपमेंट पर काम करना चाहते हैं। जिसमें इनकी कंप्यूटर शिक्षा ऐसी रहे जिससे ये बाहर जाकर रोजगार पा सके। यह हमारे काम करने का मुख्य उद्देश्य रहेगा। ऐसे बंदियों को चिन्हित किया जाएगा। साथ ही इन्हें निशुल्क विधिक सेवा प्रदान की जा सके इसके लिये जेल में लीगल डिफेंस की सुविधा भी देना  हमारी प्राथमिकता में रहेगा।

कैदियों को मिलेगी शिक्षा

अमन कुमार सिंह ने कहा कि यह दौर का फोर्थ इंडस्ट्रियल ड्यूरेशन का दौर है। जो भी बंदी हमारे पास है हम पहले उनकी पहचान करेंगे। जिनके पास बेसिक शिक्षा है उन्हें चिन्हित करके देखा जाएगा कि उन्हें किस प्रकार की शिक्षा दी जा सकती है। हम एनजीओ के माध्यम से और हमारे पास जो कंप्यूटर शिक्षा के जानकार हैं उनके माध्यम से इनको कम्प्यूटर की बेसिक लेवल के साथ डिजिटलाइजेशन की शिक्षा भी दी जाएगी। ताकि बाहर जाकर वे इसके जरिये रोजगार ढूंढ सकें।

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