पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन, कहा- Article 370 हटने से Jammu Kashmir से विकास की बाधा हुई दूर

देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि Article 370 हटने से जम्मू-कश्मीर से विकास के नये दरवाजे खुलेंगे। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कुछ लोग पाकिस्तान के शस्त्र के रुप में इस्तेमाल होते रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ विशेष..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 August 2019, 8:09 PM IST
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद देश को संबोधित करते हुए कहा है कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में एक नये युग की शुरुआत हुई है। 

पीएम के संबोधन की प्रमुख बातें

  1. जम्मू-कश्मीर से विकास की बाधा दूर
  2. लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में एक नये युग की शुरुआत 
  3. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना हुआ पूरा
  4. आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से, हजारों की संख्या में ऐसे भाई-बहन रहते हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था, लेकिन वो विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते थे

  5. हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन में एक नई कार्यसंस्कृति लाने, पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। इसी का नतीजा है कि IIT, IIM, एम्स, हों, तमाम इरिगेशन प्रोजेक्ट्स हो, पावर प्रोजेक्ट्स हों, या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो, इन सबके काम में तेजी आई है

  6. जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

  7. केंद्र की पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा

  8. नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीर पुलिस को, दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिलें

  9. देश के अन्य राज्यों में अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए माइनॉरिटी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था

  10. हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है। किसी भी दल की सरकार हो, किसी भी गठबंधन की सरकार हो, ये कार्य निरंतर चलता रहता है। कानून बनाते समय काफी बहस होती है, चिंतन-मनन होता है, उसकी आवश्यकता को लेकर गंभीर पक्ष रखे जाते हैं