पूर्ववर्ती सरकार ने 1.41 लाख करोड़ रुपये के तेल बॉंड जारी किए थे, चुकाई गई ढाई गुना राशि : पुरी

सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर काबू के लिए 1.41 लाख करोड़ रुपये के तेल बॉंड जारी किए गए थे जिसके लिए मौजूदा सरकार ने 3.50 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है।पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 11 December 2023, 3:43 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर काबू के लिए 1.41 लाख करोड़ रुपये के तेल बॉंड जारी किए गए थे जिसके लिए मौजूदा सरकार ने 3.50 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उस समय पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर काबू पाने के लिए ऐसा कदम उठाया गया जिसका भार अगली सरकार को उठाना पड़ा।

पुरी ने कहा कि वह स्थिति वैसी ही है, जैसे एक पीढ़ी ने ऋण लिया और उसका भुगतान उसकी अगली पीढ़ी को करना पड़ा। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी नीत सरकार ने अपने समय में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर काबू के लिए वैसे कदम नहीं उठाए।

उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों पर काबू के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क में दो बार कटौती की जिससे सरकार को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में वैट (मूल्य वर्धित कर) में कटौती की गई जिससे पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में कमी आई जबकि गैर-भाजपा शासित राज्यों में ग्राहकों को औसतन 12 रुपये प्रति लीटर अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुरी ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत कुल कनेकशन की संख्या बढ़कर 9.60 करोड़ हो गई वहीं देश में कुल एलपीजी (घरेलू रसोई गैस) कनेक्शन की संख्या बढ़कर 33 करोड़ हो गयी है जो 2014 में 14 करोड़ थी।

Published : 
  • 11 December 2023, 3:43 PM IST

Related News

No related posts found.