'विधायकों की अयोग्यता मामले में विस अध्यक्ष पर दबाव डालना स्वतंत्र न्याय प्रक्रिया के विपरीत होगा'

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर उचित समय पर फैसला लेंगे और अगर कोई उन पर किसी भी तरह का दबाव बनाने की कोशिश करता है, तो यह देश की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया के अनुकूल नहीं होगा।

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल)
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल)


नागपुर: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर उचित समय पर फैसला लेंगे और अगर कोई उन पर किसी भी तरह का दबाव बनाने की कोशिश करता है, तो यह देश की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया के अनुकूल नहीं होगा।

फडणवीस ने नागपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से वार्ता में यह बात कही।

गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में पिछले साल के राजनीतिक संकट पर अपना फैसला सुनाया था। एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी।

अदालत के फैसले के बाद शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने संकेत दिये थे कि अगर एक महीने के भीतर 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं लिया जाता है तो वे उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकते हैं। इस बारे में पूछे गए सवाल पर फडणवीस ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने ऐसे सभी अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को दिए हैं और उन्हें पर्याप्त समय भी दिया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर कोई विधानसभा अध्यक्ष पर किसी भी तरह का दबाव बनाने की कोशिश करता है, तो यह देश की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया के अनुकूल नहीं होगा। मुझे नहीं लगता कि विधानसभा अध्यक्ष किसी तरह के दबाव में आएंगे। इसके अलावा, विधानसभा अध्यक्ष स्वयं एक बहुत अच्छे वकील हैं। मुझे विश्वास है कि वह उचित समय पर सुनवाई कर कानून, संविधान और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार फैसला लेंगे।’’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) प्रमुख शरद पवार के इस दावे पर कि भाजपा और नैतिकता विरोधाभासी शब्द हैं, फडणवीस ने कहा, ‘‘क्या पवार साहब का नैतिकता से कोई नाता है? अब अगर पवार साहब भाजपा को नैतिकता सिखाते हैं तो हमें इतिहास टटोलना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसकी शुरुआत वसंतदादा (पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल) की सरकार को गिराने से होती है। वह एक वरिष्ठ नेता हैं और टिप्पणी करते रहते हैं। हमें इस पर ध्यान नहीं देना है।’’

 










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