भारत-चीन सीमा पर 4जी कनेक्शन की तैयारी पूरी, जानिये कैसे होगी भारत की अर्थव्यवस्था में मददगार

डीएन ब्यूरो

एयरटेल के सरकारी वित्तपोषण वाले 4जी टावर ने पिछले सप्ताह अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अंतिम गांवों में से एक लुंपो में सेवाएं शुरू कर दी हैं। इससे स्थानीय लोगों के लिए अत्याधुनिक डिजिटल अर्थव्यवस्था सुलभ हो गई है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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तवांग: एयरटेल के सरकारी वित्तपोषण वाले 4जी टावर ने पिछले सप्ताह अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अंतिम गांवों में से एक लुंपो में सेवाएं शुरू कर दी हैं। इससे स्थानीय लोगों के लिए अत्याधुनिक डिजिटल अर्थव्यवस्था सुलभ हो गई है।

तवांग और राज्य की राजधानी ईटानगर के बीच स्थित जिले बोम्डिला से 38 किलोमीटर दूर दिरंग में एयरटेल की प्रतिद्वंद्वी रिलायंस जियो पहले से ही मौजूद है।

अधिकारियों ने कहा, “इसके दिरांग से 98 किलोमीटर दूर जांग से मई के मध्य तक और उसके बाद जांग से 40 किलोमीटर दूर तवांग से जून के अंत तक जुड़ने की उम्मीद है। दूरसंचार टावर से स्थानीय लोगों के लिए कई सेवाएं शुरू हो जाएंगी।”

सड़क संरचना में सुधार के साथ लुंपा और नजदीकी गांवों के ज्यादातर लोगों ने वाहन खरीद लिए हैं लेकिन इंटरनेट नेटवर्क नहीं होने की स्थिति में उन्हें बैंकिंग, शिक्षा, खरीदारी और सरकारी सेवाओं के लिए घंटों यात्रा करनी पड़ती है।

लुंपो में एक इलेक्ट्रीशियन ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया, “हम पिछले 10-12 वर्षों से बीएसएनएल नेटवर्क पर मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं लेकिन इंटरनेट काम नहीं करता है। एयरटेल 4जी अभी शुरू हुआ है और अब हम गूगल पे, फोन पे भी यहां उपयोग कर पा रहे हैं। यहां अब गूगल भी अच्छा काम कर रहा है। ऑनलाइन वीडियो भी अच्छे से चल रहे हैं।”

लुंपो तवांग जिला मुख्यालय से करीब 115 किलोमीटर और हवाई दूरी के मामले में एलएसी से तीन-पांच किलोमीटर दूर है। जहां एयरटेल ने तवांग सीमा पर दूरसंचार सेवाओं को गति दी है वहीं जियो के त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 10 टावर स्थल और मेघालय में भारत-बांग्लादेश सीमा के साथ-साथ मिजोरम और मणिपुर में भारत-म्यामां सीमा पर 19 टावर स्थल हैं।










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