महराजगंज: कूड़े के ढेर में तब्दील हुआ प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित गांव
सिसवा विकास खण्ड के ग्रामसभा बेलवा में कूड़े के ढेर में तब्दील हुआ। प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित गांव स्वच्छता मिशन को फेल करता नजर आ रहा है। यहां जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है। गांव में कई जगह लगें सरकारी हेडपम्प खराब पड़े हुए हैं। जो हैंडपम्प सही भी हैं तो उनमें ले गंदा पानी निकल रहा है। बता दें कि इस गांव को ओडीएफ और स्वच्छता के लिए प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कार भी मिल चुका है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की विशेष खबर..
महराजगंज: ग्राम बेलवा के ग्राम प्रधान नागेंद्र मल्ल गांव में स्वच्छता और शौच मुक्त के लिए पिछले साल प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कृत हो चुके हैं। लेकिन गांव में जाने के बाद स्वच्छता की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। इस गांव में आज भी चारों तरफ जगह जगह कूड़े की ढेर लगे हुए हैं।
वहीं विद्युत नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ग्राम सचिवालय में कंटिया कनेक्शन से विद्युत आपूर्त्ति की जा रही है। इस संदर्भ में उपखंड अधिकारी अरुण कुमार यादव का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है जांच के उपरांत कार्यवाही की जाएगी।
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चारों तरफ गंदगी और दुर्गन्ध
गांव में कई जगह नालियां टुटने कारण नाली का गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। चारों तरफ गदंगी बिखरी होने के कारण लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गांव में सफाई कर्मी अक्सर नदारद रहता है। इस कचरे से निकलने वाले दुर्गन्ध के कारण लोगों को रुमाल से नाक ढक कर आवागमन करना पड़ता है। बरसात के दिनों में गदंगी की समस्या और भी विकराल रूप ले लेती है।
गंदगी से मच्छरों का बढ़ रहा प्रकोप
गंदगी की वजह से मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है, लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीणों का कहना है की गंदगी का साम्राज्य स्थापित होने के कारण मच्छरों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसके चलते जन-स्वास्थ्य को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। बताते चलें की इस गांव में साफ-सफाई की व्यवस्था अत्यंत सोचनीय है। यहां कूड़ें-करकटों का ढेर लगा हुआ है। जल निकासी के लिए बनाई गई नालियां कही टुटी हुई है। तो कही जगह बजबजा रही है। जिस कारण जल निकासी नहीं हो पाती और गंदा पानी बदबू देता रहता है। गांव की साफ-सफाई के लिए नियुक्त सफाई कर्मी भी अपने जिम्मेदारी से लपरवाही बरत रहा है।
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क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है की गांव में लगभग कई माह से साफ सफाई नहीं होने से नालियां कूड़ा करकट से पट गई और बजबजा रही है। कई स्थानों पर कूड़े का अंबार लगा हुआ है। इससे गांव में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। अगर यही आलम रहा तो गांव में कभी भी संक्रामक बीमारी फैल सकती है।