क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को टिकट देने की वजह बताएं राजनीतिक दल- सुप्रीम कोर्ट

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राजनीतिक दलों को गुरुवार को निर्देश दिया कि वे आपराधिक पृष्‍ठभूमि वाले उम्‍मीदवारों की सूची और चयन का कारण अपनी वेबसाइटों पर अपलोड करें।

उच्चतम न्यायालय ( फाइल फोटो)
उच्चतम न्यायालय ( फाइल फोटो)


नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राजनीतिक दलों को गुरुवार को निर्देश दिया कि वे आपराधिक पृष्‍ठभूमि वाले उम्‍मीदवारों की सूची और चयन का कारण अपनी वेबसाइटों पर अपलोड करें। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट की पीठ ने भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय और रामबाबू शर्मा की अवमानना याचिका पर यह आदेश दिया।

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न्यायालय ने इन निर्देशों का पालन नहीं किए जाने पर चुनाव आयोग को इस बात की अनुमति दी है कि वह राजनीतिक दलों के खिलाफ यह जानकारी न्यायालय को अवगत कराए।राजनीति का अपराधीकरण रोकने के लिए न्यायालय ने राजनीतिक दलों के लिए गाइडलाइन जारी की हैं। कोर्ट ने कहा कि पिछले चार आम चुनावों में राजनीति में अपराधीकरण तेजी से बढ़ा है। इसके अनुसार, यदि राजनीतिक दलों द्वारा आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट दिया जाता है तो उसका आपराधिक विवरण पार्टी की वेबसाइट पर और सोशल मीडिया पर देना होगा। साथ ही उन्‍हें यह भी बताना होगा कि किसी बेदाग को टिकट क्यों नहीं दिया गया।

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शीर्ष अदालत ने उम्मीदवारों पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी अखबारों, न्यूज़चैनलों और सोशल मीडिया पर भी नामांकन क्लीयर होने के 48 घंटों के भीतर प्रकाशित करने को कहा है। यदि राजनीतिक पार्टी ऐसा नहीं करती है तो चुनाव आयोग इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देगा। (वार्ता) 










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