उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति के चलन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, जानिए क्या बोला SC

उच्चतम न्यायालय ने उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के चलन को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि यह चलन संविधान का उल्लंघन नहीं करता। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 February 2024, 2:28 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के चलन को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि यह चलन संविधान का उल्लंघन नहीं करता।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ‘पब्लिक पॉलिटिकल पार्टी’ द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘‘यह सिर्फ एक (पद का) नाम है और भले ही आप किसी को उपमुख्यमंत्री कहते हैं, इससे दर्जा नहीं बदलता।’’

यह भी पढ़ें: यथार्थ हॉस्पिटल ने एशियन फिदेलिस हॉस्पिटल का 16 करोड़ रुपये में किया अधिग्रहण 

पीठ ने कहा, ‘‘सबसे पहले और सबसे जरूरी बात यह है कि एक उपमुख्यमंत्री राज्य सरकार में मंत्री होता है और इससे संविधान का उल्लंघन नहीं होता।’’

यह भी पढ़ें: SC का रजिस्ट्री को निर्देश ट्रायल कोर्ट को निचली अदालत कहना बंद करें

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि राज्य उपमुख्यमंत्री नियुक्त करके गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं और यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है।

पीठ ने कहा कि ऐसी नियुक्तियां किसी संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन नहीं करतीं।