उत्तराखंड हाईकोर्ट भर्ती परीक्षा में कोई भी सफल नहीं, न्यायिक चयन प्रक्रिया पर उठे सवाल

उत्तराखंड हाईकोर्ट भर्ती परीक्षा को लेकर बड़ी खबर सामने आई है । पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 13 April 2025, 12:59 PM IST
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नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा आयोजित उच्चतर न्यायिक सेवा संवर्ग के अंतर्गत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के तीन पदों के लिए सीधी भर्ती परीक्षा में एक भी अभ्यर्थी सफल नहीं हो सका। हाल ही में घोषित परीक्षा परिणाम ने न केवल अभ्यर्थियों की योग्यता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि न्यायपालिका में अधिकारियों की चयन प्रक्रिया को लेकर नई बहस भी शुरू कर दी है।

डायनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा के बाद कुल 64 अभ्यर्थियों को मुख्य लिखित परीक्षा के लिए योग्य घोषित किया गया था। लेकिन इनमें से 22 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हुए। शेष 42 अभ्यर्थियों में से कोई भी न्यूनतम निर्धारित अंकों की योग्यता को पूरा नहीं कर सका, जिसके कारण कोई भी अभ्यर्थी साक्षात्कार दौर तक नहीं पहुंच सका।

यह परीक्षा कुल 600 अंकों की थी, जिसमें चार विषयों पर आधारित पेपर शामिल थे। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य था, जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 45 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य था। आवेदन के लिए आवश्यक अर्हता में वकालत में न्यूनतम सात वर्ष का अनुभव और अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित थी।

इस अप्रत्याशित और निराशाजनक परिणाम ने जहां अभ्यर्थियों की तैयारी और लगन पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उच्च न्यायिक पदों पर योग्य और सक्षम अभ्यर्थियों की उपलब्धता एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह घटना न्यायिक सेवा में भर्ती प्रक्रिया की सख्ती और पारदर्शिता को दर्शाती है, लेकिन साथ ही यह भी संकेत देती है कि शायद मौजूदा व्यवस्था में कहीं न कहीं सुधार की जरूरत है।

अब सबकी निगाहें उत्तराखंड हाईकोर्ट की आगामी रणनीति पर टिकी हैं- क्या परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी या चयन प्रक्रिया के मानकों में कुछ बदलाव किए जाएंगे? यह घटनाक्रम न्यायपालिका की गुणवत्ता और न्याय प्रणाली की सुदृढ़ता के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में उभरा है, जिसके लिए व्यापक चिंतन और नीति समीक्षा की आवश्यकता है।