तेलंगाना में त्रिशंकु सरकार नहीं ,भाजपा को मिलेगा पूर्ण बहुमत: कृष्ण रेड्डी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के प्रमुख जी किशन रेड्डी ने दावा किया है कि राज्य में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के खिलाफ ‘‘उबलते गुस्से’’ को देखते हुए 30 नवंबर के चुनावों में भाजपा को बहुमत मिलेगा और उनकी पार्टी राज्य में पहली बार सरकार बनाएगी। पढ़िए डाईनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के प्रमुख जी किशन रेड्डी ने दावा किया है कि राज्य में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के खिलाफ ‘‘उबलते गुस्से’’ को देखते हुए 30 नवंबर के चुनावों में भाजपा को बहुमत मिलेगा और उनकी पार्टी राज्य में पहली बार सरकार बनाएगी।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री रेड्डी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से विशेष साक्षात्कार के दौरान कहा कि चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा नहीं होगी और भाजपा आसानी से सत्ता पर काबिज हो जाएगी।
रेड्डी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि तेलंगाना के लोग बदलाव चाहते हैं क्योंकि उनका बीआरएस और कांग्रेस दोनों से भरोसा उठ गया है और उनका मानना है कि ‘‘वे आपस में मिले हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘त्रिशंकु विधानसभा का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि बीआरएस सरकार के खिलाफ गुस्सा उबल रहा है। यह ज्वालामुखी की तरह फूटेगा। पुलिस और गुंडों के डर से लोग बाहर नहीं निकल रहे।’’
रेड्डी ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा। हम इस इरादे से काम कर रहे हैं कि पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा की तेलंगाना इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य में चार रैलियों को संबोधित करें और वह इस अनुरोध को लेकर जवाब का इंतजार कर रही है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना के लोग बदलाव चाहते हैं जो बीआरएस या कांग्रेस के सत्ता पर काबिज होने से नहीं आएगा क्योंकि ऐसी धारणा है कि अगर कांग्रेस जीतती है, तो भी उसके कुछ विधायक बीआरएस में शामिल हो जाएंगे।
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रेड्डी ने कहा, ‘‘तेलंगाना के लोग जो बदलाव चाहते हैं, वह भाजपा ही ला सकती है।’’
तेलंगाना में भाजपा को 2018 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी और करीब सात प्रतिशत मत मिले थे, लेकिन पार्टी ने बाद में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया और दो उप-चुनावों में जीत हासिल की।
रेड्डी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के चार महीने के भीतर भाजपा ने 2019 में राज्य में चार लोकसभा सीट जीतीं।
यह पूछे जाने पर कि पार्टी इस बार सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त कैसे है, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें केवल सात प्रतिशत वोट मिले थे, रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना के गठन से पहले 10 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस और मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकारें लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रहीं।
उन्होंने कहा कि किसान, महिलाएं, छात्र, युवा और यहां तक कि सरकारी कर्मचारी भी वर्तमान सरकार से तंग आ चुके हैं और भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने उनके हितों के लिए लड़ाई लड़ी है।
बीआरएस को भाजपा की ‘बी टीम’ बताने संबंधी कांग्रेस के आरोपों को रेड्डी ने कहा कि यह ‘‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’’ वाली बात है। उन्होंने कहा कि ये वही दल हैं जिन्होंने पहले गठबंधन में चुनाव लड़ा है और साझा सरकार बनाई है।
उन्होंने कहा कि बीआरएस ने पिछले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार (यशवंत सिन्हा) का भी समर्थन किया था।
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चुनाव से पहले भाजपा के कुछ बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने को लेकर सवाल किए जाने पर रेड्डी ने कहा, ‘‘उन्होंने निजी कारणों से पार्टी छोड़ी है, लेकिन पार्टी को इससे कोई नुकसान नहीं होगा। भाजपा एक काडर-आधारित और विचारधारा-आधारित पार्टी है।’’
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रेड्डी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भाजपा चुनाव जीतने पर पिछड़े समुदाय के किसी नेता को तेलंगाना का मुख्यमंत्री बनाएगी क्योंकि पार्टी इस समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो राज्य की आबादी का 55 प्रतिशत है।
भाजपा प्रमुख ने कहा कि मडिगा समुदाय के सशक्तीकरण के लिए एक समिति गठित करने को लेकर प्रधानमंत्री के बयान देने से पहले मोदी और अन्य वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों के बीच इसे लेकर काफी चर्चा हुई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ‘मडिगा रिजर्वेशन पूरता समिति’ (एमआरपीएस) द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि केंद्र जल्द ही एक समिति गठित करेगा, जो मडिगा समुदाय के सशक्तीकरण के लिए हरसंभव तरीके अपनाएगी। उन्होंने अनुसूचित जातियों को श्रेणीबद्ध करने की मडिगा समुदाय की मांग के संदर्भ में यह बात कही।
तेलुगु भाषी राज्यों तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में अनुसूचित जातियों में मडिगा समुदाय की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। समुदाय अनुसूचित जातियों को श्रेणीबद्ध करने की लड़ाई लड़ रहा है।