NH-730 की महराजगंज कस्बे में फिर हुई पैमाइश, व्यापारियों के उड़े होश

स्टे के दम पर महराजगंज कस्बे में रुके नेशनल हाइवे-730 के सड़क निर्माण के मामले में अचानक एक बार फिर हुई पैमाइश के चलते व्यापारियों के होश फाख्ता हो गये हैं। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

Updated : 29 June 2020, 7:53 PM IST
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महराजगंज: लंबे समय से इंजीनियरों की शातिराना चाल में उलझे नगर के बीचो-बीच से NH-730 के निर्माण के मामले में एकाएक सोमवार की शाम को फिर गर्मी आ गयी। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक मुख्य चौराहे से बलिया नाले पुल की तरफ काम लंबे समय से रुका हुआ है। इसकी वजह यह है कि इधर के कई व्यापारियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुआवजे की मांग को लेकर स्टे ले रखा है। लंबे समय से चले आ रहे स्टे की अवधि के बाद अब एकाएक एनएच के इंजीनियर फिर जागे हैं और पुलिस फोर्स की मौजूदगी में नप्पी-जोखी करायी गयी। 

जितने मुंह उतनी बात.. कोई कह रहा है कि स्टे की अवधि समाप्त हो गयी है तो कोई कह रहा है कि 15 दिन के अंदर इस सड़क पर भी तोड़फोड़ कर DPR में स्वीकृत 32 मीटर में सड़क जबरन बना दी जायेगी।

इंजीनियर मौके पर कहते सुने गये कि मुआवजा चाहिये तो सरकार के पास जाइये, हमारे काम में अड़ंगा मत लगाइये। 

इधर नगर में मुख्य चौराहे से स्टेट बैंक की तरफ के व्यापारी और मुख्य चौराहे से बलिया नाले तक के व्यापारी दो खेमों में बंटे नजर आ रहे हैं। जिसका जमकर फायदा इंजीनियर उठा लेना चाहते हैं। 

स्टेट बैंक की तरफ के व्यापारियों का कहना है कि जब हमारी तरफ 32 मीटर सड़क निर्माण के लिए तोड़फोड़ कर दी तो फिर क्यों मेन चौराहे से बलिया नाले की तरफ 32 मीटर चौड़ी सड़क नहीं बन रही? जब पहले बलिया नाले की तरफ 32 मीटर चौड़ी सड़क बन जायेगी तभी हम लोग स्टेट बैंक की तरफ सड़क निर्माण  का आगे का काम करने देंगे। इस मामले को लेकर सभासद चन्द्रशेखर सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्य़ा में लोगों ने 15 दिन पहले NH वालों की जमकर लानत-मलामत की थी। 

सबसे मजे की बात यह है कि इस मुसीबत की घड़ी में जनता को सत्तारुढ़ दल के नेताओं ने उनके हाल पर छोड़ दिया है। आम जनता की परेशानियों से इन नेताओं को कोई मतलब नहीं है। 
 

Published : 
  • 29 June 2020, 7:53 PM IST