‘न्यूजक्लिक’ विवाद: पोर्टल के संस्थापक, एचआर प्रमुख की याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित

डीएन ब्यूरो

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और इसके मानव संसाधन (एचआर) विभाग प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई दीपावली अवकाश के बाद के लिए सोमवार को स्थगित कर दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

न्यूजक्लिक’ विवाद
न्यूजक्लिक’ विवाद


नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और इसके मानव संसाधन (एचआर) विभाग प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई दीपावली अवकाश के बाद के लिए सोमवार को स्थगित कर दी।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने दोनों आरोपियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि वह छुट्टियों के बाद याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

सिब्बल ने कहा कि यह मामला शीर्ष अदालत के उस हालिया फैसले के दायरे में आता है, जिसके तहत यह माना गया था कि गिरफ्तारी के आधार को आरोपी के साथ तुरंत साझा किया जाना चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय जमानत की अर्जी भी न्यायालय में लंबित है।

पीठ ने कहा कि वह दीपावली अवकाश के बाद मुख्य मामले के साथ चिकित्सकीय जमानत याचिका पर भी सुनवाई करेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायालय ने 19 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस से दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की याचिकाओं पर जवाब देने को कहा था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोनों की गिरफ्तारी और उसके बाद पुलिस हिरासत के खिलाफ उनकी याचिकाओं को 13 अक्टूबर को खारिज कर दिया था। दोनों को दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।

इसके बाद, उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख कर अपनी गिरफ्तारी और सात दिन की पुलिस हिरासत को चुनौती दी थी तथा अंतरिम राहत के तौर पर तत्काल रिहाई का अनुरोध किया था।

उच्च न्यायालय ने दोनों व्यक्तियों की याचिकाएं खाारिज करते हुए कहा था कि गिरफ्तारी में कोई प्रक्रियागत खामी नहीं है या कानून अथवा संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हुआ है तथा हिरासत का आदेश कानून के अनुरूप है।

चीन के समर्थन में प्रचार करने के लिए कथित तौर पर धन प्राप्त करने को लेकर दोनों व्यक्तियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था।

उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि भारत की ‘‘संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने’’ और देश में असंतोष पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल को चीन से बड़ी राशि मिली थी।

प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के लिए पुरकायस्थ ने ‘पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज़्म’ (पीएडीएस) समूह के साथ साजिश रची थी।










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