महराजगंज: मां ने नवजात को मरने के लिये छोड़ा.. फरिश्तों ने बचाई नन्हीं परी की जान

एक कलयुगी मां ने लोकलाज से बचने के लिये नवजात को मरने के लिये छोड़ दिया था लेकिन फरिश्तों ने नवजात को बचा लिया है। समाज को झकझोर कर रख देने वाला यह मामला समाज को इंसानियत की भी राह दिखाने वाला बन गया गया है। डाइनामाइट न्यूज़ की स्पेशल रिपोर्ट…

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 14 September 2018, 4:17 PM IST
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महराजगंज: मानवता को शर्मसार करते हुए जहां एक कलयुगी मां ने अपनी नवजात बच्ची को मरने के लिये छोड़ा वहीं मानवता का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कई लोग उसी नवजात की जान बचाने में जुटे हुए है। जिला अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती नवजात की स्थिति अब धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। कई फरिश्तों के कारण वह अब मौत को मात दे चुकी है। उसकी किलकारी पर अब हर अस्पताल स्टाफ में खुशी देखी जा सकती है। धीरे-धीरे जीवन की डगर थाम रही नन्हीं परी को खूब दुलार मिल रहा है।  

 

 

नवजात जिला अस्पताल के SNCU वार्ड में भर्ती है, जहां उसकी हालत में काफी सुधार है। डाइनामाइट न्यूज से बातचीत करते हुए बाल कल्याण समिति के कार्यकर्त्ता राजेश वर्मा ने कहा कि इस बच्ची को फिलहाल ने गोद नहीं लिया है। पहले बच्ची का इलाज अच्छी तरह से करवाया जायेगा, इसके ठीक होने पर इसे बाल गृह में भेजा जायेगा। फिर अगर कोई इस नवजात को गोद लेना चाहते हैं तो संस्था से संपर्क कर उस बच्ची को गोद ले सकते हैं। 

 

डाइनामाइट न्यूज से बात करते हुए सीएमएस आरबी राम ने कहा कि नवजात बच्ची की हालत में सुधार है। कयास लगाये जा रहे है ंकि यह बच्‍ची किसी अविवाहित मां की है, जो लोकलाज के डर से इसे सड़क किनारे फेंक कर चली गई होगी। 

फरेंदा ग्राम सभा मुजहना में बुधवार सुबह झाड़ियों में एक नवजात बच्ची मिली थी। फरेंदा कस्‍बे के कुछ लोग टहलने निकले तो अचानक उन्‍हें सड़क किनारे एक बच्‍ची के रोने की आवाज सुनाई दी। इसके बाद उन लोगों ने पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।