जनसांख्यिकीय लाभ के लिए युवा आबादी को आर्थिक अवसर प्रदान करने की जरूरत

डीएन ब्यूरो

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने कहा है कि भारत को जनसांख्यिकीय का लाभ उठाने के लिए युवा आबादी को आर्थिक अवसर प्रदान करने होंगे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा  (फाइल फोटो)
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा (फाइल फोटो)


मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने कहा है कि भारत को जनसांख्यिकीय का लाभ उठाने के लिए युवा आबादी को आर्थिक अवसर प्रदान करने होंगे।

पात्रा ने डाइनामाइट न्यूज़ को यहां आरबीआई प्रवर्तित इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान के पूर्व छात्रों के पहले मिलन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में कामकाजी आबादी का सिर्फ आधा भाग श्रमशक्ति का हिस्सा है। कौशल रणनीति को सही करने के लिए भारत को प्राथमिकताएं तय करनीं होंगी।

उन्होंने बताया कि भारत की औसत आयु वर्तमान में 28 वर्ष है। अब और 2050 के बीच दुनिया की कामकाजी उम्र की आबादी में वृद्धि का छठा हिस्सा भारत में होगा। उन्होंने कहा कि भारत भविष्य के आर्थिक ऊर्जा स्रोत के तौर पर उभर सकता है और 2048 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए कई चुनौतियों से पार पाना होगा, जिससे अवसर कार्रवाई में बदल जाएं।

मौद्रिक नीति विभाग के प्रभारी पात्रा ने कहा, “हमारी आबादी एक रोमांचक अवसर प्रस्तुत करती है जिसे तभी महसूस किया जा सकता है जब हम इसे आर्थिक अवसर प्रदान कर पाते हैं।”










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