नवरात्रि का सातवां दिन: इस मंत्र का जाप कर करें मांं कालरात्रि की पूजा, होंगे कई लाभ

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। ये काल का नाश करने वाली हैं, इसलिए कालरात्रि कहलाती हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़ें क्यों और कैसे पड़ा मां का नाम कालरात्रि…

Updated : 16 October 2018, 9:37 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा और अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। कहते हैं इनकी पूजा करने से सभी दु:ख, तकलीफ दूर हो जाती है। दुश्मनों का नाश करती है और मनोवांछित फल देती हैं।

यह भी पढ़ेंः नवरात्रि विशेषः जानिये.. शारदीय नवरात्रि का महत्व और पौराणिक इतिहास 

मां कालरात्रि का स्वरूप

मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयानक है। इनका वर्ण काला है और बाल बिखरे हुए। कंठ में एक तेज चमकती हुई माला है। मां कालरात्रि के तीन नेत्र हैं जो ब्रह्माण की तरह विशाल हैं। कालरात्रि मां का स्वरूप भय उत्पन्न करने वाला है। 

पौराणिक कथा की मानें तो भगवान शंकर ने एक बार देवी को काली कह दिया था। तभी से मां का नाम कालरात्रि पड़ गया है। मां कालरात्रि के नाम मात्र से ही दानव, भूत, पिशाच आदि सभी भाग जाते हैं। मां कालरात्रि का स्वरूप भले ही भयानक दिखता है लेकिन वो शुभ फल देने वाली होती हैं। 

इस मंत्र का जाप कर करें मां कालरात्रि की पूजा

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

(नवरात्रि विशेष कॉलम में डाइनामाइट न्यूज़ आपके लिए ला रहा है हर दिन नयी खबर.. मां दुर्गा से जुड़ी खबरों के लिए इस लिंक को क्लिक करें: https://hindi.dynamitenews.com/tag/Navratri-Special ) 

Published : 
  • 16 October 2018, 9:37 AM IST

Related News

No related posts found.