हरियाणा: मायावती ने इंडियन नेशनल लोकदल से गठबंधन तोड़कर भाजपा के इस बागी सांसद से मिलाया हाथ

डीएन ब्यूरो

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले एक बार फिर से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है, जहां मायावती ने इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन तोड़ते हुए भाजपा के इस बागी सांसद का हाथ थाम लिया है।

मायावती और राजकुमार सैनी ( फाइल फोटो)
मायावती और राजकुमार सैनी ( फाइल फोटो)


हरियाणा: लोकसभा चुनाव 2019 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सियासी घमासान भी तेज होता जा रहा है। चुनाव से ठीक पहले हरियाणा की राजनीति काफी दिलचस्प हो गई है। जींद उपचुनाव में मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल की करारी हार के बाद मायावती की पार्टी बीएसपी ने उनके साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया है। बसपा ने आईएनएलडी के साथ 9 महीने पुराना गठबंधन तोड़ते हुए अपने नए सहयोगी का ऐलान भी कर दिया है।

यह भी पढ़ें: मायावती को SC से बड़ा झटका, CJI बोले- मूर्तियां बनाने पर खर्च किया गया पैसा उन्हें लौटाना होगा

मायावती के आदेश पर तोड़ा गठबंधन

यह भी पढ़ें | हार के बाद मायावती ने 3 जून को दिल्‍ली में बुलाई बसपा पदाधिकारियों की बैठक

बता दें कि बीएसपी अब राज्य में बीजेपी के बागी सासंद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ इस साल होने वाले लोकसभा और राज्यसभा चुनाव लड़ेगी। आईएनएलडी के साथ गठबंधन तोड़ते हुए बीएसपी के राज्य अध्यक्ष ने कहा, ''मायावती के आदेश पर हमने गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया है। हम लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ मिलकर इस साल होने वाला लोकसभा और राज्यसभा चुनाव लड़ेंगे।''

 

मायावती ( फाइल फोटो )

हालांकि मायावती ने कुछ दिन पहले ही चौटाला परिवार में छिड़ी जंग के बाद गठबंधन तोड़ने के संकेत दे दिए थे। मायावती ने राज्य के नेताओं के साथ पिछले हफ्ते हुई बैठक में साफ किया था कि अगर चौटाला परिवार साथ नहीं आता है, तो वह आईएनएलडी के साथ गठबंधन जारी नहीं रखेंगी।

यह भी पढ़ें | उन्नाव: कानून व्यवस्था को लेकर मायावती ने सपा सरकार पर जमकर साधा निशाना

यह भी पढ़ें: मायावती पर ‘अनैतिक’ टिप्पणी करने वाली भाजपा विधायक से महिला आयोग ने मांगा स्पष्टीकरण

जींद उपचुनाव में 13 हजार वोट मिले थे लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी को

वहीं अगर बात करें राजकुमार सैनी की तो उन्होंने 2016 में जाट आरक्षण के बाद से ही बीजेपी के साथ बगावत करना शुरू कर दिया था और जींद उपचुनाव में सैनी की पार्टी ने पहली बार राज्य में चुनाव लड़ा जिसमें उनकी पार्टी करीब 13 हजार वोट पाने में कामयाब रही, जो कि आईएनएलडी के मुकाबले काफी बेहतर प्रदर्शन था।










संबंधित समाचार