मल्लिकार्जुन खरगे ने किया कांग्रेस कार्य समिति का पुनर्गठन, अध्यक्ष पद के दावेदार रहे थरूर भी CWC में शामिल, देखिये पूरी सूची

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खरगे को चुनौती देने वाले लोकसभा सदस्य शशि थरूर को पार्टी की नवगठित कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में शामिल किया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे


नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का पुनर्गठन कर दिया है। इसमे खास बात यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खरगे को चुनौती देने वाले लोकसभा सदस्य शशि थरूर को पार्टी की नवगठित कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में शामिल किया गया है।

खरगे ने रविवार को पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का पुनर्नठन किया, जिसमें 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य (चार पदेन सदस्यों समेत) हैं।

सीब्डल्यूसी का हिस्सा बनने के बाद थरूर ने रविवार को कहा कि वह कार्य समिति में नामित करने के खरगे और केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से खुद को सम्मानित महसूस करते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक थरूर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'मुझे कार्य समिति में नामित करने के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी और केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं पिछले 138 वर्षों में पार्टी के मार्गदर्शन में सीडब्ल्यूसी द्वारा निभाई गई ऐतिहासिक भूमिका से अवगत हूं। मैं अपने समर्पित सहयोगियों के साथ पार्टी की सेवा करने के अवसर को लेकर उत्सुक हूं।’’

उन्होंने कहा, 'हममें से कोई भी उन लाखों प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं के बिना कुछ भी हासिल नहीं कर सकता जो पार्टी के प्राण हैं। आज सबसे पहले, मैं उन्हें नमन करता हूं। अनगिनत भारतीय जो अधिक समावेशी और स्वीकार्य भारत चाहते हैं, वे हमारे द्वारा सर्वश्रेष्ठ योगदान के हकदार हैं।’’

थरूर उन 23 नेताओं के समूह का हिस्सा थे जिन्होंने करीब तीन साल पहले सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे।

खरगे ने पिछले साल अक्टूबर में हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में थरूर को 6,825 मतों के अंतर से पराजित किया। खरगे को 7,897 वोट मिले थे तथा थरूर को 1,072 वोट हासिल हुए थे। उस चुनाव में 9,385 वोट पड़े थे और इनमें से 416 वोट अवैध करार दिए गए थे।










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