Makar Sankranti: देश भर में आज मकर संक्रांति, पोंगल, माघ बिहू त्योहारों की धूम, जानिये का उत्तरायण का महत्व

देश भर में आज मकर संक्रांति, पोंगल, माघ बिहू आदि त्योहारों को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति के पर्व को उत्तरायण भी कहा जाता है, डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट में जानिये इस पर्व का महत्व

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 14 January 2021, 9:27 AM IST
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नई दिल्ली: देश भर में आज मकर संक्रांति, पोंगल, माघ बिहू आदि त्योहारों को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति के पर्व को उत्तरायण भी कहा जाता है और अन्य पर्वों से अलग इस पर्व का हमारे जीवन में खास महत्व है। मकर संक्रांति को उत्तरायण के अलावा 'खिचड़ी'  त्योहार भी कहा जाता है।

ऋतु परिवर्तन की शुरूआत

मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है। सूर्य दक्षिण से उत्तर में प्रवेश करता है और दिन बड़े होने लगते हैं। मकर संक्रांति के दिन से ही सर्दियां खत्म होने लगती हैं और वसंत ऋतु की शुरुआत होने लगती है।

खिचड़ी त्योहार

मकर संक्रांति को उत्तरायण के अलावा 'खिचड़ी'  त्योहार भी कहा जाता है। मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है। सूर्य दक्षिण से उत्तर में प्रवेश करता है और दिन बड़े होने लगते हैं। मकर संक्रांति के दिन से ही सर्दियां खत्म होने लगती हैं और वसंत ऋतु की शुरुआत होने लगती है।

सूर्य का दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश

मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह पर्व हर साल अमूमन 14 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करने लगता है और प्रकृति में नई ऊर्जा का संचार होने लगता है। सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश करन के कारण ही इसे उत्तरायण का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन घरों में खिचड़ी बनती है इसलिये इसके कई जगहों पर खिचड़ी त्योहार के नाम से भी मनाया जाता है। इसके इलवा खास तिल के लड्डू बनाये और खाए जाते हैं।

शुभ कार्यों की शुरुआत

मकर संक्राति के दिन से ही खरमास समाप्‍ति होती है और इसके साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। शादी से लेकर पूजा-पाठ तक सभी मंगल कार्य मकर संक्रांति से शुरू कर दिए जाते हैं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। यह दिन बेहद शुभ माना जाता है।

सूर्य उपासना और गंगा स्नान

मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान के साथ ही  व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्त्व है। गंगा स्नान से पुण्य की प्राप्ति होती है।

दान का खास महत्व

इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें। सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें। ज्योतिष विज्ञान ये मानता है कि मकर संक्रांति के दिन या दान सौ गुना फल देता है। मकर संक्रांति के दिन घी-तिल-कंबल-खिचड़ी दान का खास महत्व है, जिससे कई गुना पुण्य मिलता है।