Gandhi Jayanti Special: गांधी जी के 5 आंदोलन, जिन्होंने हिलाई थी ब्रिटिश हुकूमत की जड़ें
देशभर में 2 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी की 155वीं जयंती मनाई जाएगी। जानें बापू के नेतृत्व में होने वाले 5 प्रमुख आंदोलनों के बारे में। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट
Gandhi Jayanti 2024: भारत के इतिहास में 2 अक्टूबर का दिन काफी महत्व रखता है। यह वही दिन है, जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का जन्म हुआ था। इस साल महात्मा गांधी की 155वीं जयंती होगी। देश की आजादी में अपना अहम योगदान देने वाले महात्मा गांधी ने आजाद भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा थी।
संघर्षों से पार पाकर दिलाई आजादी
उन्होंने सत्य (Truth) और अहिंसा (nonviolence) के बल पर पूरे ब्रिटिश शासन की जड़े हिला दी थी। उनके योगदान को देखते हुए हर साल 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के तौर पर मनाया जाता है। बापू ने अपने जीवन में कई संघर्षों से पार पाकर भारत को आजादी दिलाई।
ब्रिटिश हुकुमत की हिला दी थी जड़े
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समाज सेवा के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले गांधी जी के नेतृत्व में कई ऐसे आंदोलन हुए, जिन्होंने ब्रिटिश हुकुमत (British rule) की जड़ें हिलाकर रख दी थी। गांधी जयंती के इस मौके पर जानते हैं बापू द्वारा किए गए 5 प्रमुख आंदोलनों के बारे में।
1. चंपारण सत्याग्रह (1917): यह महात्मा गांधी का पहला बड़ा आंदोलन (Champaran Satyagraha) था, जो बिहार के चंपारण जिले में किसानों के समर्थन में शुरू किया गया था। अंग्रेजी शासन के अंतर्गत किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर किया जाता था, जिससे उन्हें भारी नुकसान होता था। गांधी जी ने इस अन्याय के खिलाफ सत्याग्रह शुरू किया, जिससे किसानों को न्याय मिला।
2. खेडा आंदोलन (1918): यह आंदोलन (Kheda Satyagraha) महात्मा गांधी के नेतृत्व में गुजरात के खेडा जिले में हुआ। अकाल और फसल बर्बादी के बावजूद अंग्रेजी सरकार किसानों से कर वसूल रही थी। गांधी जी ने किसानों के साथ सत्याग्रह किया, जिसके बाद सरकार ने कर वसूली स्थगित कर दी और राहत दी।
3. असहयोग आंदोलन (1920-1922): असहयोग आंदोलन (Non-cooperation Movement) महात्मा गांधी द्वारा चलाया गया एक महत्वपूर्ण आंदोलन था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से असहयोग करना था। इस आंदोलन के अंतर्गत भारतीयों से सरकारी नौकरियों, अंग्रेजी स्कूलों, अदालतों और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया।
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4. दांडी मार्च और नमक सत्याग्रह (1930): गांधी जी ने नमक पर ब्रिटिश सरकार के एकाधिकार का विरोध करने के लिए दांडी मार्च (Salt Satyagraha Movement – Dandi march) की शुरुआत की। यह मार्च 12 मार्च, 1930 को साबरमती आश्रम से शुरू हुआ और 240 मील की यात्रा करके दांडी गांव पहुंचा, जहां गांधी जी ने समुद्र से नमक बनाकर नमक कानून का उल्लंघन किया।
5. भारत छोड़ो आंदोलन (1942): यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) आरंभ किया गया। 8 अगस्त, 1942 को उन्होंने "करो या मरो" का नारा दिया और भारतीयों से अपील की कि वे हर हाल में ब्रिटिश शासन से मुक्ति की मांग करें। इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार पर जबरदस्त दबाव बनाया।
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