

महाराष्ट्र में सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी और एनसीपी के सीनियर नेता नवाब मलिक किसी समय जिगरी दोस्त हुआ करते थे लेकिन सियासी महत्वाकांक्षाओं ने दोनों को आज एक-दूसरे को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Election) में मानखुर्द-शिवाजी नगर (Mankhurd-Shivaji Nagar) विधानसभा सीट चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है। ये सीट मुंबई की उत्तर पूर्व लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती है। ये सीट महायुति के टकराव का सबसे बड़ा केंद्र भी बनी हुई है। इसने सत्ताधारी महायुति गठबंधन के अंतर्कलह को सार्वजनिक रूप से सबसे ज्यादा उजागर किया।
मानखुर्द शिवाजीनगर सीट से इस समय समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी विधायक हैं। सपा नेता अबू आसिम आजमी (Abu Asim Azmi) यहां से चौथी बार विधायक बनने के लिये चुनावी समर में खड़े हैं। अब उनके सामने पूर्व मंत्री और सीनियर एनसीपी नेता नवाब मलिक के आने से यह सीट बेहद हाई प्रोफाइल हो गई है।
जिगरी दोस्त बनें राजनीतिक दुश्मन
सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी और एनसीपी के सीनियर नेता नवाब मलिक किसी समय जिगरी दोस्त हुआ करते थे लेकिन सियासी महत्वाकांक्षाओं ने दोनों को आज एक-दूसरे को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है। अबू आजमी और नवाब मलिक की दोस्ती और सियासी दुश्मनी के बारे में बात करने से पहले हम आपको इस सीट से जुड़ी वो रोचक बातें बताते हैं, जिस कारण ये सीट चर्चाओं में बनी हुई है।
दरअसल, महायुति में सीट बंटवारे के बाद ये सीट शिवसेना शिंदे गुट के खाते में आई। इसलिये नवाब मलिक का यहां से चुनाव लड़ने का सपना चकनाचूर हो गया था। तब उन्होंने गठबंधन से बगावत करके यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा। लेकिन नामांकन के अंतिम मौके पर महायुति की सहयोगी अजीत पवार की एनसीपी ने सभी घटक दलों को चकमा देकर यहां से नवाब मलिक का समर्थन कर दिया और गठबंधन में नया पेंच फंसा दिया। एनसीपी ने मलिक को एबी फार्म दे दिया था। तब उन्होंने एनसीपी के कैंडिडेट के तौर पर यहां से फार्म भरा।
नवाब मलिक की उम्मीदवारी से महायुति का अतर्कलह उजागर
इस सीट पर नवाब मलिक की उम्मीदवारी से महायुति का अतर्कलह खुलकर सामने आया। भाजपा ने नवाब मलिक पर अंडवर्ड डॉन दाउद इब्राइम से जुड़े होने तक का आरोप लगाया। भारत के वांछित अपराधी से कथित तौर पर जुड़े होने के कारण भाजपा ने नवाब मलिक का समर्थन और चुनाव प्रचार करने से भी मना कर दिया।
डिप्टी सीएम अजित पवार के कैंडीडेट नवाब मलिक के सामने सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना के सुरेश पाटील उर्फ बुलेट पाटिल मैदान में हैं। नवाब मलिक के पुराने दोस्त और सपा विधायक अबु आजमी भी यहां से उनके सामने मैदान में खड़े हैं। यूबीटी शिवसेना के राजेंद्र वाघमारे भी मैदान में हैं हालांकि उन्होंने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है। इसके अलावा इस सीट पर मनसे, बीएसपी के कैंडिडेट्स समेत यहां से कुल 41 उम्मीदवारों की लंबी-चौड़ी फौज चुनावी मैदान में खड़ी है।
दोनों नेताओं की मुस्लिम में पैठ
अबू आसिम आजमी और नवाब मलिक दोनों को ही महाराष्ट्र का बड़ा मुस्लिम नेता माना जाता है। आजमी और मलिक मुंबई की मुस्लिम बहुल सीटों से किस्मत आजमाते रहे हैं। हाल के समय नवाब मलिक मुंबई की अणुशक्तिनगर सीट से और अबू आसिम आजमी मुंबई की मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से चुनाव लड़ते और विधायक चुने जाते रहे हैं। कभी इन दोनों के बीच गहरी दोस्ती हुआ करती थी। नवाब मलिक भी कभी सपा के कद्दावर नेता होते थे।
1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढ़हाये जाने के बाद कांग्रेस के खिलाफ लोगों के आक्रोश और सपा के प्रति अल्पसंख्यकों के झुकाव को देखते हुए नवाब मलिक तब समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। उन्हें मुलायम सिंह यादव का करीबी भी माना जाता रहा।
महाराष्ट्र के मुस्लिम बाहुल नेहरू नगर सीट से नवाब मलिक दो बार सपा से चुनाव लड़कर 1996 और 1999 में विधायक चुने गये लेकिन 2004 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में यूपीए की सरकार आने के बाद उन्होंने सपा का दामन छोड़ दिया और एनसीपी में शामिल हो गये। उन्हें शरद पवार का करीबी माना जाने लगा। वे कुल 5 बार महाराष्ट्र में विधायक चुने गये। एनसीपी में टूट के बाद वे अजीत पवार के साथ चल गये।
सपा के सिपहसालार थे नवाब मलिक
नवाब मलिक समाजवादी पार्टी के सिपहसालार रह चुके हैं। नवाब मलिक और अबू आसिम आजमी ने महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के लिये खूब काम किया और दोनों के बीच बेहद घनिष्टता भी रही। दोनों ने एक ही पार्टी से अपनी राजनीति की शुरुआत की और सियासत में ऊंचा मुकाम भी हासिल किया। लेकिन बाद में दोनों ही सियासी राहें अलग-अलग हो गईं। अब महाराष्ट्र में सपा की कमान अबू आसिम आजमी के हाथ में हैं और नवाब मलिक उनके विरोधी हो चुके हैं।
एनसीपी ने चला बड़ा दांव
एनसीपी ने नवाब मलिक को सपा के गढ़ मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से उतारकर इस मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा सीट पर इन दोनों पुराने दोस्तों की ये नई लड़ाई अब मुस्लिम वोटों को पाने की है। यहां उत्तर भारतीय मुस्लिमों का दबदबा है और ये दोनों ही नेता उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से आते हैं।
नवाब मलिक उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील से तो अबू आसिम आजमी यूपी के आजमगढ़ से आते हैं। दोनों ही नेताओं ने समाजवाद की पाठशाला और मुलायम सिंह यादव के संरक्षण में सियासत की शिक्षा-दीक्षा ली। लेकिन आज सियासत ने इन दोनों दोस्तों और नेताओं को एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने को मजबूर कर दिया। समाजवादी पार्टी का पुराना सिपहसालार नवाब मलिक अब महाराष्ट्र में सपा के मौजूदा सर्वेसर्वा के खिलाफ सियासी मैदान में है।
जगरी दोस्त आमने- सामने
दोनों नेता इस तरह कभी आमने-सामने नहीं आये लेकिन राजनीति ने दोनों को ही एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करके लड़ने को विवश कर दिया है। दोनों का ये मुकाबला बेहद रोमांचक होने वाला है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि दोनों दोस्तों में होने वाली इस लड़ाई का सियासी सिकंदर कौन होता है?
अगर आप युवा है और नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आप हमारी 'युवा डाइनामाइट' को विजिट कर सकते हैं।
https://www.yuvadynamite.com/