Maharashtra: यवतमाल में खेतों में उगाई गई 10 क्विंटल से अधिक भांग जब्त, मामला दर्ज

डीएन ब्यूरो

पुलिस ने महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में करीब 20 एकड़ कृषि भूमि पर भांग की खेती का पता लगाया और लगभग 30 लाख रुपये मूल्य की 10 क्विंटल से अधिक की प्रतिबंधित सामग्री जब्त की है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

खेतों में उगाई गई 10 क्विंटल से अधिक भांग
खेतों में उगाई गई 10 क्विंटल से अधिक भांग


यवतमाल: पुलिस ने महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में करीब 20 एकड़ कृषि भूमि पर भांग की खेती का पता लगाया और लगभग 30 लाख रुपये मूल्य की 10 क्विंटल से अधिक की प्रतिबंधित सामग्री जब्त की है। 

यहां खेत में भांग उगाना गैरकानूनी है। हालांकि कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिले के किसान कई मुद्दों को लेकर काफी परेशान हैं और हो सकता है कि उनमें से कुछ गलत रास्ता अपना लें। उन्होंने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की मांग की।

अधिकारियों ने बताया कि भांग के पौधे महागांव तालुका के घोंसरा और बरगवाड़ी गांवों में 20 एकड़ में फैले छह अलग-अलग खेतों में कपास और अरहर की फसलों के बीच उगाए गए थे। पुलिस अधीक्षक (एसपी) पवन बंसोड़ ने बताया कि लगभग 25 लाख रुपये से 30 लाख रुपये मूल्य की करीब 10 से 12 क्विंटल भांग जब्त की गई है।

 डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार किसान संगठन स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के यवतमाल अध्यक्ष मनीष जाधव ने बाढ़, सूखा, फसल के नुकसान, उचित बाजार मूल्य की कमी और किसानों की आत्महत्या जैसे मुद्दों को रेखांकित करते हुए कहा कि हालात इतने खराब हो गए हैं कि कुछ लोग भांग उगाने का सहारा ले रहे हैं।

जाधव ने दावा किया कि पिछले नौ महीनों में यवतमाल में 200 किसानों ने अपनी जान दे दी है। उन्होंने केंद्र पर ‘‘कृषि विरोधी’’ नीतियां अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहे किसान भांग की खेती कर गलत रास्ता अपना सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि अतीत में किसानों ने मांग की थी कि अगर सरकार उनकी परेशानियां कम नहीं कर सकती तो उन्हें भांग या गांजा उगाने की अनुमति दी जाए।

किसान कार्यकर्ता और किसानों के कल्याण के लिए राज्य के वसंतराव नाइक शेतकरी स्वावलंबी मिशन के पूर्व अध्यक्ष किशोर तिवारी ने बताया कि वह भांग की खेती का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और उन कृषि उत्पादकों को राहत देनी चाहिए जो गहरे संकट में हैं। तिवारी ने कहा, ‘‘ऐसा (यवतमाल में) 40 साल में पहली बार हो रहा है।’’










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