महराजगंज VIDEO: बाढ़ से घिरे लोगों ने डाइनामाइट न्यूज को सुनाया अपना दर्द, कहा- मौजूदा संकट ने हरे किये अतीत के जख्म, जानिये इनका दुख
भारी बारिश के बाद राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से महराजगंज में जर्जर तटबंध के टूटने की आशंका से लोगों में भारी भय है। यहां बाढ का खतरा लगातार गहराता जा रहा है। संकट से घिरे लोगों ने डाइनामाइट न्यूज के साथ अपना दर्द साझा किया। पूरी रिपोर्ट
महराजगंज: उत्तर प्रदेश का महराजगंज जनपद इस समय बाढ़ के भीषण कहर से जूझ रहा है। जनपद में कई नदी और नाले उफान पर हैं और कई गावों और घरों में पानी घुस चुका है। कई क्षेत्रों में किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। राप्ती नदी का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से लगातार हर रोज बढ़ रहा और अब इसने विकराल रूप धारण कर लिया है, जिससे जर्जर तटबंध के टूटने की आशंका से लोगों में भारी भय है। बाढ के संकट से जूझ रहे लोगों ने डाइनामाइट न्यूज के साथ अपना दर्द साझा किया।
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बृजमनगंज थाना क्षेत्र के धानी में राप्ती नदी उफान पर है। राप्ती नदी के तटबंध से सटे गांव बेलसङ, कोइलाडाड़, धानी गांव नगवा, झांगपार, चौका, घीवपीड़, कानापार, सिकन्दराजीतपुर महदेवा आदि गांवों पर सबसे ज्यादा संकट में है।
डाइनामाइट न्यूज से बातचीत में यहां के लोगों ने बताया कि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले दो-तीन दिनों से नदी का जलस्तर रोजाना दो-तीन फिट तक बढ़ जाता है, जिससे उनके घर-गांव में पानी घुस गया है। सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब चुकी है। यहां के लोगों की रोजमर्रा का जरूरत का सामान भी खत्म हो चुका है, जिससे उनके सामने जीवन का नया संकट खड़ा हो गया है।
यहां के लोगों का कहना है कि नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है और तटबंध भी जर्जर हालत में है। लोगो को जलस्तर के बढ़ने तो बांध टूटने का भय सता रहा है। लोगों का कहना है कि बंधे के टूटने की पूरी सम्भावना है, जिससे कई गांवों में तबाही आ जायेगी।
मौजूदा परिदृश्य को देखकर यहां के लोग सन् 2000 का वह मंजर याद करने लगे हैं, जब वह इसी तरह बांध टूटने के कारण यहां जबरदस्त तबाही मची थी। इन लोगों का कहना है कि मौजूदा संकट से अतीत के वे जख्म भी अब हरे जैसे होने लगे हैं। बतां दें कि 13 सितम्बर सन् 2000 को धानी में तटबंध टूटने से कई गांव तबाह हुये थे। इस तबाही को याद करके यहां के कई लोग आज भयभीत हो जाते हैं।