महराजगंजः कालेज में छात्र-छात्राओं का भारी हंगामा.. बवाल देख भागा प्रबंधन

डीएन संवाददाता

महराजगंज के पुरन्दरपुर के जनता इंटरमीडिएट कॉलेज में आज छात्र-छात्राओं का गुस्सा तब फूट पड़ा जब स्कूल में सुविधाओं के नाम पर स्कूल प्रबंधन सिर्फ फीस बढ़ा रहा है लेकिन यहां शौचालय तक की सुविधा का अभाव है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं की और क्या है मांग



महराजगंजः पुरन्दरपुर के जनता इंटरमीडिएट कॉलेज में आज शौचालय की मांग को लेकर और स्कूल में विभिन्न सुविधाओं के अभाव के चलते छात्र-छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा। यहां स्कूल परिसर में छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन कर अपनी आवाज को बुलंद किया। स्कूल परिसर में भारी शोरगुल के बीच जब स्कूल प्रबंधन ने देखा कि छात्र-छात्राएं हाथों में तख्तियां लिये स्कूल प्रबंधन हाय-हाय के नारे लगा रहे थे और शौचालय की मांग को अनदेखी करने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आवाज उठा रहे थे तो यह देखकर सभी स्कूल शिक्षक स्कूल से कुछ ही समय में गायब हो गये। वहीं स्कूल प्रिंसिपल मामले में कुछ भी बोलने के लिये तैयार नहीं है।         

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स्थानीय पुलिस को अभी इसकी जानकारी नहीं दी गई है। गौरतलब है कि स्कूल परिसर में प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं का कहना है कि स्कूल प्रबंधन स्कूल के कार्यों और शिक्षा में सुधार को लेकर हर साल उनकी फीस को दोगुना कर रहा है। इस पर जब उनके अभिभावकों द्वारा फीस बढ़ाने का कारण पूछा जाता है तो इस पर स्कूल प्रबंधन का यहीं जवाब होता है कि यहां बच्चों की सुविधाओं के लिये फीस बढ़ाई जाती है जबकि सुविधा के नाम पर स्कूल में शौचालय तक की व्यव्सथा नहीं है।      

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स्कूल का मुख्य गेट

 

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इसी को लेकर आज छात्र-छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा और स्कूल में अभी भी बच्चे स्कूल प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोल कर रहे हैं।   छात्र-छात्राओं ने स्कूल प्रबंधक भूपेंद्र नाथ मिश्रा के खिलाफ नारेबाजी करते कहा कि स्कूल में सुविधा शुल्क के नाम पर जिस तरह से हर साल लगातार फीस बढ़ाई जाती है उस हिसाब से यहां विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। साथ ही शौचालय के लिये भी उन्हें बाहर जाना पड़ता है, जिससे उनके असुरक्षा का खतरा बना रहता है। 

एक तरफ जहां केंद्र सरकार शौचालय और स्वच्छता के लिये राज्यों को प्रेरित कर भारी-भरकम फंड जारी कर रही हैं वहीं यूपी में विभिन्न जिलों में न तो शौचालय की सुविधा और न ही अन्य बुनियादी चीजें। छात्र-छात्राओं के इस आंदोलन ने तो स्कूल की पोल पट्टी खोलकर रख दी है। अब देखना ये हैं कि स्कूल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन इसे लेकर कितना गंभीर होता है।










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