महराजगंज-गोरखपुर फोर लेन सड़क निर्माण में ठेकेदारों की धांधली, सजा भुगत रही जनता

डीएन ब्यूरो

महराजगंज-गोरखपुर फोर लेन सड़क निर्माण की घोषणा के बाद जनता का चेहरा खिल उठा था लेकिन इसमें घोर अनियमितताएं बरतने के अलावा सड़क निर्माण जिस कछुआ गति से किया जा रहा है, उसकी सजा जनता को भुगतनी पड़ रही है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस एक्सलूसिव रिपोर्ट में पढ़ें इस निर्माणाधीन फोर लेन की पड़ताल

फाइल फोटो
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महराजगंज: क्षेत्र में विकास और जनता के लिये सुगम परिवहन उपलब्ध कराने के लिये महराजगंज-गोरखपुर राजमार्ग के उन्नयन और निर्माण का काम जनता के लिये ही अब जी का जंजाल बन गया है। सड़क निर्माण की कछुआ गति के कारण जनता और वाहनों का यहां से गुजरना किसी सजा को काटने से कम साबित नहीं हो रहा है। ऊपर से तुर्रा यह है कि कमीशनखोरी के खेल के चलते निर्माण कार्यों में मानकों की घोर अनदेखी की जा रही है।

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सड़क निर्माण की इस परियोजना को जब शूरू किया गया था तब ठेकेदारों समेत कार्यदायी संस्था और सरकार ने इसे 6 माह से लेकर एक साल के अंदर पूरा करने के लक्ष्य रखा था लेकिन ठेकेदारों की मनमानी, कमीशनखोरी और सरकार की अनदेखी के कारण निर्माण कार्य डेड लाइन के काफी पीछे चल रहा है।

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महराजगंज से गोरखपुर की दूरी 55 किलोमीटर है। महराजगंज-गोरखपुर राजमार्ग को फोरलेन बनाने के लिये इसे अलग-अलग स्ट्रेच में बांटकर कार्य शुरू किया गया। पीडब्ल्यूडी की गोरखपुर इकाई के ठेकेदारों द्वारा परतावल-गोरखपुर के बीच लगभग 19 किमी सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। इसी तरह महराजगंज-परतावल सड़क का उन्नयन कार्य भी हो रहा है। इस तरह महराजगंज से गोरखपुर तक पूरी सड़क को फोरलेन सड़क बनाया जा रहा है, जो 21 मीटर चौड़ी होगी और इसमें एक मीटर चौड़ा डिवाइडर भी बनेगा। इसके लिये करोड़ों रूपये आवंटित भी किये जा चुके है।

तय समय सीमा के मुताबिक इस फोर लेन सड़क का निर्माण कार्य फरवरी-2019 से पहले पूरा होना है लेकिन सड़क निर्माण का कार्य कई जगहों पर ठप्प पड़ा हुआ है और पहले से ही निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है। इसलिये तय समय सीमा के अंदर इस फोर लेन सड़क का निर्माण होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है। समय सीमा के बाद सड़क निर्माण की लागत बढ़नी तय है। ऐसे में माना जा रहा है ठेकेदार जानबूझ कर काम को लटकाने और पीछे सरकाने में लगे हुए है। इसके अलावा कमीशनखोरी के खेल के चलते भी सड़क निर्माण के कार्य को लटकाया जा रहा है।

महराजगंज-गोरखपुर सड़क राहगीरों के लिए बन चुकी है नरक

सरकार खजाने को लूटने की इस तरकीब से ठेकेदारों को फायदा मिलना निश्चित है लेकिन इन सभी के बीच जनता जिस परेशानी से जूझ रही है, उसकी फिक्र न तो सरकार को है और ना ही ठकेदारों को। महराजगंज-गोरखपुर सड़क राहगीरों के लिए इन दिनों नरक बन चुकी है। जगह-जगह टूटी सड़क और गढ्ढ़ों ने यहां से लोगों का गुजरना दूभर कर दिया है। गढ्ढ़ा मुक्त सड़क का दावा करने वाली सरकार के लिये यह सड़क मुंह चिढ़ाती नजर आ रही है। गढ्ढ़ों के कारण यहां आये दिन सड़क हादसे होते रहते है। आलम यह है कि एक-डेढ़ घंटे का यह सफर अब लोगों को 3 घंटे में तय करना पड़ रहा है।  

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वाहन चालकों के अलावा धूल उड़ाती और गहरे गढ्ढ़ों वाली यह जर्जर सड़क यहां से गुजरने वाले राहगीरों के लिये भी कई तरह की मुश्किलें खड़ी करता नजर आ रहा है।  जब भी कोई वाहन सड़क से गुजरात है तो चारों तरफ धूल-धूसरित माहौल हो जाता है। जिससे कोई दूसरा वाहन भी नहीं दिखाई देता, जिस कारण हादसों का भय बना रहता है। कमीशन की आड़ में ठेकेदार सड़क का निर्माण में लापरवाही बरत रहे हैं। जो जनता के लिये काफी खतरनाक साबित हो रहा है।










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