महराजगंज में आरके अस्पताल सील करने के मामले ने पकड़ा तूल, डाक्टर्स और प्रशासन आमने-सामने

डीएन संवाददाता

शहर के चर्चित आरके अस्पताल को कल प्रशासन ने सील कर ताला लटका दिया था और आज इसके खिलाफ दबाव बनाने को कई दर्जन डाक्टर्स सड़क पर उतर पड़े। चिकित्सकों का आरोप है कि प्रशासन की यह कार्यवाही मेडिकल प्रोफेशन के विरुद्ध है। एक्सक्लूसिव खबर..

चिकित्सकों का हुजूम
चिकित्सकों का हुजूम


महराजगंज: जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय के तेवरों से इन दिनों जिले भर में हड़कंप मचा हुआ है। बुधवार को शहर के चर्चित हॉस्पिटल आरके अस्पताल को सीज करने के खिलाफ जिले के चिकत्सकों में आक्रोश है। इस अस्पताल पर आरोप है कि यह अवैध तरीके से फर्जीवाड़े के सहारे चल रहा था, जांच में यह बात साबित होने पर कल बाकायदे इसे सील कर दिया गया। इस बीच आज डॉक्टरों के एक समूह ने इस प्रशासनिक कार्यवाही पर गहरी आपत्ति जतायी है और इस कार्यवाही को मेडिकल प्रोफेशन के विरुद्ध करार दिया है। इन लोगों का कहना है कि प्रशासन ने इस मामले में एकतरफा कार्यवाही की है। इससे डॉक्टरों में भय का माहौल है।

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आरके अस्पताल पर तालाबंदी के खिलाफ शहर के डॉक्टरों ने गुरुवार को एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी को एक पांच सूत्रीय ज्ञापन दिया। डॉक्टरों ने सीएम योगी को भी ज्ञापन की प्रति प्रेषित करते हुए मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

डॉक्टरों का कहना है कि प्रशासन ने एक मरीज की शिकायत का संज्ञान लेते हुए राजीव नगर में चल रहे आरके अस्पताल को सील कर संचालक के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज करा दिया, जो एकतरफा कार्यवाही है। 

जिले के चिकित्सक संघ से जुड़े डॉक्टरों ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में प्रशासन द्वारा बिना किसी ठोस कारण एवं सूचना के जांच के नाम पर भय का माहौल बनाने और चिकित्सकीय कार्य में बाधा डालने का भी आरोप लगाया। डॉक्टरों का कहना है कि पिछले एक साल से जिले में किसी भी नए अस्पताल को लाइसेंस नहीं दिया गया और अप्रैल 2018 के बाद किसी अस्पताल के लाइसेंस का नवीनीकरण भी नहीं किया गया। ऐसे में अस्पताल के खिलाफ यह कार्यवाही गलत है। 

प्रतिनिधिमंडल में शामिल डा. अरुण गुप्ता ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि जिला प्रशासन हमें अनावश्यक रुप से परेशान न करे और हमें अपना कार्य सुचारु रुप से करने दे।

उधर देर शाम जिला प्रशासन के सूत्रों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि अवैध अस्पतालों के खिलाफ जिला प्रशासन का कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी लेकिन इसकी आड़ में किसी निर्दोष को कतई परेशान नही होने दिया जायेगा।
 










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