

लखनऊ में महिला ने खतौनी में नाम सही कराने के लिये लेखपाल पर रिश्वत मांगने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
लखनऊ: हमारा सिस्टम कितना सवेंदनहीन हो चुका है। ऐसा तब देखने को मिला जब यूपी सरकार के जनता दरबार में एक विधवा महिला अपनी समस्या को लेकर पहुंची। हालांकि जनता-दरबार में आयें यूपी सरकार के मंत्री भूपेन्द्र चौधरी ने डीएम से बात कर जल्द कार्यवाही कराने का आश्ववासन दिया है। मामलें में विधवा महिला उमा देवी के बेटे अंकित मिश्रा ने बताया की वे लखनऊ के चिनहट कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिकन्दरपुर के रहने वाले हैं। अंकित ने बताया की उनके पिता का कई साल पहले देहान्त हो चुका है। पिता शिवराम मिश्रा की मृत्यु होने के बाद उनके राजस्व अभिलेखों में विभाग की लापरवाही से गलत नाम अंकित कर सियाराम कर दिया गया। जिसे ठीक कराने के लिये वे सालों से तहसील के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
लेखपाल पर लगाया जान-बूझकर मामले को लटकाने का आरोप
पीड़ित उमा देवी के पुत्र अंकित ने बताया की उनकी फाइल को लेखपाल जान-बूझ कर दबा कर बैठे हैं और रिश्वत की मांग कर रहे हैं। कई बार उच्च अधिकारियों के आदेश के बावजूद वे नाम नही सही कर रहे हैं। इसी के साथ उच्च अधिकारियों को गलत रिपोर्ट पेश कर गुमराह भी कर रहे हैं। उन्होनें कहा की हालांकि मंत्री के कार्यवाही का आश्वासन मिलने के बाद उन्हें लगता है की मामलें मे कार्यवाही होगी और उन्हें इसांफ मिलेगा।
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