UP STF: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर यूपी को अंधेरे में धकेलने की 'साजिश', यूपी एसटीएफ करेगी मामले की जांच

डीएन ब्यूरो

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर उत्तर प्रदेश के कई जिलों की बिजली गुल होना क्या महज एक तकनीकी अथवा मानवीय गलती का नतीजा थी? यदि ऐसा था तो कौन थे इसके जिम्मदार? इसी मामले की जांच अब यूपी एसटीएफ करेगी। पढ़ें, डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट..



लखनऊ: श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर यूपी के लाखों लोगों को अंधकार का सामना करना पड़ा था। राज्य के कई जिलों की बिजली रात भर गुल रही थी। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के खाते में जरूरी राशि होने के बाद भी घंटों बिजली गायब हो जाने के मामले में सरकार का सख्त रूख देखने को मिल रहा है। इस मामले की जांच सरकार द्वारा एसटीएफ को सौंपी गयी है। एसटीएफ को 3 दिन में अपनी जांच-पड़ताल पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

दो आईएएस अरविंद कुमार और एम. देवराज की भूमिका पर सवाल

इस मामले में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार और UPPCL के एमडी एम. देवराज की भूमिका को लेकर लोग सवाल खड़ कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस भयानक गड़बड़ी के लिए ये बड़े अफसर सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। जबकि मामले में इन्हें क्लिन चिट देकर छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाने की साजिश हो रही है।

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी कर समूचे मामले में लापरवाहों की रिपोर्ट देने को कहा है। माना जा रहा है कि इस मामले में कई अफसर नप सकते हैं। अभी तक दो बड़े अफसरों को निलंबित किया जा चुका है। पावर कारपोरेशन ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी सूर्यपाल गंगवार की अध्यक्षता मे भी एक कमेटी गठित कर दी है।

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इस मामले में राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को नोटिस जारी कर जबाब मांग लिया है। आयोग का मानना है कि इस लापरवाही से ग्रिड भी फेल हो सकता था। आयोग ने बिजली कंपनियों से पूछा है कि मामले में दोषी संस्थाओं पर क्या कारवाई हुई है और क्यों न इस मामले में जुर्माना न लगाया जाये।

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शासन इस मामले में गंभीर है, जो भी अफसर या संस्था दोषी होगी, उस पर कड़ी कारवाई होगी। वहीं भविष्य मे ऐसी लापरवाही फिर न हो, इसके लिये स्मार्ट मीटर मामले मे पावर कारपोरेशन के वाणिज्य निदेशक को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
 










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