यूपी एसटीएफ ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर धन उगाही करने वाले गैंग का किया पर्दाफाश, चार शातिर गिरफ्तार

डीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने लखनऊ से चार ऐसे शातिरों को गिरफ्तार किया, जो सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी तरीके से धन उगाही करते थे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले चार अभियुक्त गिरफ्तार
नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले चार अभियुक्त गिरफ्तार


लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी तरीके से धन उगाही करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गैंग के चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरोह के सदस्य किसी सरकारी  विभाग के बड़े अधिकारी बनकर नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं से डीलिंग करते थे और फर्जी नियुक्त पत्र देकर धन उगाही करते थे। गिरफ्तार आरोपी अब तक कई लोगों से फर्जीवाड़ा कर चुके हैं। आरोपियों के खिलाफ आगे पूछताछ और कार्रवाई जारी है। गैंग के सरगना समेत अन्य सदस्यों की धरपकड़ जारी है।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण
एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों की पहचान राहुल सिंह निवासी कोटवा, थाना लोहता, कमिश्नरेट वाराणसी, पवन वर्मा निवासी दीनदयाल नगर, थाना नवाबगंज, जनपद बाराबंकी, अजीत सिंह निवासी मिर्जा जमाल पुर पकरी बुजूर्ग, थाना घोसी, जनपद मऊ और अंकित श्रीवास्तव निवासी मिनी स्टेडियम सेक्टर-6 राजाजीपुरम, थाना तालकटोरा, कमिश्नरेट लखनऊ के रूप में कई गई। ।

विभिन्न विभागों के फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद
आरोपियों के पास से 49 कूटरचित विभिन्न विभागों के नियुक्ति पत्र,  6 मोबाइल फोन भी बरामद किये गये। सभी आरोपियों को गुरूवार को निकट आशीर्वाद होटल, चारबाग कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। 

संगठित गिरोहों के सम्बन्ध में सूचनाएं
एसटीएफ को उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी तरीके से धन उगाही करने वाले संगठित गिरोहों के सम्बन्ध में सूचनाएं और शिकायतें प्राप्त हो रहीं थी। इस गोरखधंधे में लिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये एसटीएफ ने एक टीम का गठन किया। 

इस तरह खुला गिरफ्तारी का रास्ता
अभिसूचना संकलन के दौरान एसटीएफ को मुखबिर से जानकारी मिली की सरकारी नौकरी के नाम पर फर्जी तरीके से धन उगाही करने वाले संगठित गिरोह के सदस्य लखनऊ में आशीर्वाद होटल के पास आने वाले हैं। इस सूचना पर एसटीफ की टीम मुखबिर के साथ बताये गये स्थान पर पहुंची और घेराबन्दी करते हुए आरोपियों को दबोचा गया। 

अलग-अलग विभागों में भर्ती के लिये अलग-अलग शातिर
गिरफ्तार अभियुक्त राहुल सिंह ने पूछताछ में बताया कि पवन वर्मा, रेलवे डाक विभाग में रेलवे मेल सर्विसेस में जीपीओ में पोस्ट है। यह इसी गिरोह के सदस्य आकांक्षा श्रीवास्तव और मोहित खरे के माध्यम से फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कराता है। रेलवे और डाक विभाग से सम्बन्धित यदि कोई व्यक्ति आता है तो उनसे बातचीत करने के लिए पवन वर्मा को उस विभाग का बड़ा अधिकारी बनाकर डीलिंग करता था। 

5 लाख से 20 लाख रुपये में डील
इसी तरह खाद्यनिगम और आईआरसीटीसी में भर्ती से सम्बन्धित यदि कोई व्यक्ति आता था तो उसे बस्ती निवासी आनन्द मिश्रा डील करता था। एसबीआई, सीआईसीएफ में भर्ती से सम्बन्धित कार्य के लिए बरेली निवासी कुलवीर सिंहानिया व राजस्थान निवासी महिपाल डील करते थे। यह सभी लोग सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 05 लाख से 20 लाख रूपये प्रति व्यक्ति लेते थे। रूपया एकत्रित हो जाने के बाद समीर जो झारखण्ड का निवासी है तथा इस गिरोह का मुख्य सरगना है, से सम्पर्क कर इन रूपयों को आपस में बराबर-बराबर बांट लेते थे। इस गिरोह के सदस्य लंबे समय से ठगी का कार्य कर रहे हैं।

 गिरोह के मुख्य सरगना की तलाश जोरों पर
गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में आये मुख्य सरगना समीर, आकांक्षा श्रीवास्तव, मोहित खरे, आनन्द मिश्र, कुलवीर सिंहानिया व महिपाल की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना नाका कमिश्नरेट लखनऊ में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। अभियुक्तों के खिलाफ अग्रिम वैधानिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।










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