Lucknow Police Custody Death: मोहित पांडेय के परिजनों से मिले CM योगी, दिया भरोसा
लखनऊ में पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले में सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतक मोहित पांडे के परिवार से मुलाकात की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: राजधानी लखनऊ (Lucknow) के चिनहट थाना (Chinhat Police Station) में पुलिस हिरासत (Police Custody ) में हुई मौत (Dead) मामले में मोहित पांडेय (Mohit Pandey) के पीड़ित परिजनों (Family) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात (Meet) की। सीएम योगी ने परिवार से घटना के बारे में जानकारी ली और ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने इस मामले में दोषी पुलिसवालों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। इसके अलावा, परिवार को एक घर देने का भी वादा किया। सीएम ने कहा कि मृतक के बच्चों की मुफ्त शिक्षा और अन्य सभी सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार लखनऊ की बख्शी तालाब सीट से बीजेपी विधायक योगेश शुक्ला के साथ सुबह करीब 10 बजे मोहित पांडेय का परिवार मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पहुंचा। यहां सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई।
मुख्यमंत्री ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
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इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी। बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। किसी भी दोषी पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम योगी का कहना था कि ये पूरा मामला मेरे संज्ञान में है। जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चिनहट क्षेत्र के जैनाबाद निवासी मोहित कुमार को शनिवार को एक मामले में हिरासत में लिया गया था। पुलिस ने कहा कि हिरासत के दौरान एक अस्पताल में मोहित की मौत हो गई। परिवार के सदस्यों ने पुलिस की बर्बरता को मौत का कारण बताया।
पीड़ित की मां ने शिकायत दर्ज कराई। अतिरिक्त आयुक्त ने एसएचओ चतुर्वेदी और कुछ अज्ञात व्यक्तियों समेत अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 103 (1) (हत्या के लिए सजा) और 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
चीखता रहा भाई, लेकिन नहीं खोला किसी ने भी दरवाजा
भाई शोभाराम पांडेय ने बताया कि हवालात में रात को भाई की तबीयत खराब हो गई। हमने दरवाजा खोलने के लिए कहा तो पुलिसवालों ने गाली दी। लेकिन दरवाजा नहीं खोला। अंदर बहुत अधिक गंदगी थी। भाई का पेट दर्द हो रहा था। उसे लैट्रिन जाना था। फिर भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला। हम चीखते रहे, लेकिन दरवाजा नहीं खोला।
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पानी मांग रहा था मोहित
मृतक के भाई ने बताया कि लॉकअप में भाई ने बताया था कि उसे पीटा गया है। काफी टॉर्चर किया गया है। इसे प्यास लगी थी। वह पानी मांग रहा था। लेकिन किसी ने उसे पानी नहीं पिलाया। इसके बाद तड़पकर हमारे की भाई की मौत हो गई।
घटना पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
इस घटना पर विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस कस्टडी शब्द को टॉर्चर हाउस में बदल दिया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने राज्य में ऐसा जंगल राज स्थापित कर दिया है जहां पुलिस क्रूरता का पर्याय बन गई है।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने इस घटना को निंदनीय बताया और कहा कि सरकार को पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
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