जानिए कौन हैं Jasdeep Singh Gill जो बने राधा स्वामी सत्संग के नए प्रमुख

डीएन ब्यूरो

अमृतसर स्थित डेरा राधा स्वामी ब्यास से जुड़े श्रद्धालुओं के लिए एक सोमवार को एक बड़ी खबर सामने आई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जगदीप सिंह गिल को मिली जिम्मेदारी
जगदीप सिंह गिल को मिली जिम्मेदारी


चंडीगढ़: पंजाब के अमृतसर (Amritsar) के ब्यास स्थित डेरा राधा स्वामी (Dera Radha Swami) के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने आज अपने उत्तराधिकार का ऐलान कर दिया है। गुरिंदर सिंह ढिल्लों (Gurinder Singh Dhillon) ने जसदीप सिंह गिल (Jasdeep Singh Gill) को अपना उत्तराधिकारी (Successor) नियुक्त किया है। जसदीप सिंह आज से ही डेरा ब्यास के प्रमुख (Chief) के तौर पर गद्दी संभालेंगे। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार 45 साल के जसदीप सिंह गिल के पास दीक्षा देने का अधिकार होगा। वह तत्काल प्रभाव से संरक्षक के रूप में गुरिंदर सिंह ढिल्लों का स्थान लेंगे। उनको बतौर गुरु नाम देने का भी अधिकार होगा।

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जानें कौन हैं जसदीप सिंह गिल
बताया जा रहा है कि डेरा ब्यास के नए प्रमुख जसदीप सिंह बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों के रिश्तेदारों में से हैं। वह पिछले करीब 5 दशकों से अपने परिवार सहित डेरा ब्यास में रह रहे हैं। जसदीप सिंह गिल का जन्म 15 मार्च 1979 को हुआ। मोगा के रहने वाले जसदीप सिंह गिल सुखदेव सिंह गिल के बेटे हैं और वह 45 साल की उम्र में डेरा ब्यास की गद्दी संभालेंगे। जसदीप सिंह गिल ने आई.आई.टी. दिल्ली से बी-टेक और एम. टेक की पढ़ाई की। इसके अलावा उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पी.एच.डी. की है। उनके पिता सुखदेव सिंह गिल कर्नल रह चुके हैं।    
सिप्ला कंपनी के लिए वह 2019 से मुख्य रणनीति अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे। जसदीप सिंह गिल ने फार्मास्युटिकल कंपनी सिप्ला लिमिटेड के मुख्य रणनीति अधिकारी और वरिष्ठ प्रबंधन के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 2019 से 31 मई 2024 तक यहां काम किया। वह बोर्ड ऑब्जर्वर के रूप में एथेरिस और अचिरा लैब्स प्राइवेट लिमिटेड से भी जुड़े थे। मार्च 2024 तक वेल्थी थेरेप्यूटिक्स के बोर्ड मैबर थे। इससे पहले उन्होंने रैनबैक्सी में सीईओ के कार्यकारी सहायक और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी एंटरप्रेन्योर में प्रधान और चेयरमैन के रुप में काम किया।

90 देशों में डेरा ब्यास के डेरे 
राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरा की स्थापना 1891 में हुई थी। इसका मकसद लोगों को धार्मिक संदेश देना है। यह संस्था दुनिया के 90 देशों में फैली हुई है, जिनमें अमेरिका, स्पेन, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अफ्रीका सहित कई अन्य देश शामिल हैं। डेरे के पास 4 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन है जिसमें करीब 48 एकड़ का लंगर हॉल है। डेरे में संगत के ठहरने के लिए सराय, गैस्ट होस्टल और शेड भी है। कैंप में लोगों के मुफ्त इलाज के लिए तीन अस्पताल भी बनाए गए हैं। कैंप से 35 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है।

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लंबे समय से कैंसर से जूझ रहें है बाबा गुरिंदर
आपको बता दें कि बाबा ढिल्लों, पिछले कुछ सालों से कैंसर और दिल से संबंधित जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. ऐसे में आगे कौन डेरा ब्यास चलाएगा? इसको देखते हुए उत्तराधिकारी की घोषणा की गई. इस अहम निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए, सभी सेवादार इंचार्जों को एक पत्र भी भेजा गया है।










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