कोरोना के बढ़ते मामलों पर जानिए क्या है विशेषज्ञों की राय, पढ़िये ये रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड मामलों में वृद्धि सार्स-सीओवी-2 वायरस के भारत में स्थानिक स्थिति की ओर बढ़ने और अन्य कोरोना वायरस की तरह व्यवहार करने का संकेत है जिनमें सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा होते हैं और वे पुन: संक्रमित करते रहते हैं।

सांकेतिक तस्वीर (फ़ाइल)
सांकेतिक तस्वीर (फ़ाइल)


नई दिल्ली: वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड मामलों में वृद्धि सार्स-सीओवी-2 वायरस के भारत में स्थानिक स्थिति की ओर बढ़ने और अन्य कोरोना वायरस की तरह व्यवहार करने का संकेत है जिनमें सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा होते हैं और वे पुन: संक्रमित करते रहते हैं।

उन्होंने आश्वासन दिया कि वायरस की प्रकृति स्थानिक होने के कारण 2021 की डेल्टा लहर की तरह भयावह स्थिति बनने की संभावना नहीं है। उन्होंने आगाह किया कि निर्धारित दिशानिर्देशों (प्रोटोकॉल) का पालन करके इस प्रसार को रोका जा सकता है।

हरियाणा के अशोक विश्वविद्यालय में भौतिकी और जीव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एवं डीन गौतम आई मेनन ने कहा, ‘‘कोविड-19 देश में प्रभावी रूप से स्थानिक है और वास्तव में हम सभी अब तक एक संक्रमण का सामना कर चुके होंगे, चाहे हम इसे जानते हों या नहीं। वायरस कोरोना वायरस की तरह व्यवहार कर रहा है जिनमें सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होते हैं और वे हमें फिर से संक्रमित कर सकते हैं।”

प्रतिरक्षा विज्ञानी सत्यजीत रथ ने कहा कि संक्रमण की वास्तविक भयावहता के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

कोविड के नए मामलों की संख्या की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि लंबे समय तक, अलग-अलग जगहों पर कोविड के मामलों में उतार-चढ़ाव आते रहने का अनुमान है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार को भारत में कोरोना वायरस के 6,050 नए मामले दर्ज किए गए और देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 28,303 हो गई।

भारत में कोविड मामलों में वृद्धि का कारण वायरस के नए उप-स्वरूप एक्सबीबी.1.16 को जिम्मेदार माना जा रहा है जो पिछले कुछ महीनों से भारत में सक्रिय है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में एक बयान में कहा कि अभी 22 देशों में एक्सबीबी.1.16 के लगभग 800 अनुक्रम हैं और ज्यादातर अनुक्रम भारत से हैं तथा भारत में एक्सबीबी.1.16 ने अन्य स्वरूप को बदल दिया है।

मेनन के अनुसार आने वाले हफ्तों में नए मामलों की संख्या में वृद्धि जारी रहेगी, विशेष रूप से केरल और महाराष्ट्र में जहां निगरानी प्रणाली मजबूत है लेकिन वे डेल्टा लहर के स्तरों तक नहीं पहुंच पाएंगे।

मेनन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मौजूदा संकेतों के अनुसार गंभीर मामलों का अंश भी डेल्टा की तुलना में बहुत छोटा दिख रहा होता है।

हैदराबाद के यशोदा अस्पताल के डॉक्टर विश्वेश्वरन बालासुब्रमण्यन ने कहा कि उनके अस्पताल में कोविड के मरीज हैं लेकिन उनकी संख्या कम है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ''ज्यादातर संक्रमण हल्के हैं और उनका इलाज बाह्य रोगी आधार पर किया जाता है।''










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