जानिये कैसे हुआ गुजरात नौका हादसा, मृतकाें की बढ़ी संख्या

डीएन ब्यूरो

गुजरात में वडोदरा शहर के बाहरी क्षेत्र में एक झील में बृहस्पतिवार को नौका के पलट जाने से उसमें सवार 12 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई जबकि 18 छात्रों और दो शिक्षकों को बचा लिया गया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

गुजरात नौका हादसा
गुजरात नौका हादसा


वडोदरा: गुजरात में वडोदरा शहर के बाहरी क्षेत्र में एक झील में बृहस्पतिवार को नौका के पलट जाने से उसमें सवार 12 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई जबकि 18 छात्रों और दो शिक्षकों को बचा लिया गया। राज्य के मंत्री हर्ष सांघवी ने यह जानकारी दी।

इससे पहले हरनी थाने के एक अधिकारी ने बताया कि नौका पलटने की घटना में मृतक संख्या बढ़कर 16 हो गई है, जिसमें 14 छात्र और दो शिक्षक शामिल हैं। छात्र पिकनिक मनाने आए थे और हरनी झील में नाव की सवारी कर रहे थे कि तभी दोपहर में यह हादसा हो गया। बचाए गए एक छात्र का एसएसजी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

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गुजरात के गृह राज्य मंत्री सांघवी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘नौका पलटने की घटना में 12 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई। कुल 18 छात्रों और दो शिक्षकों को बचाया गया। हमें पता चला है कि नौका पर केवल 10 छात्र ही लाइफ जैकेट पहने हुए थे जो साबित करता है कि इसमें आयोजकों की गलती थी।’’

सांघवी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि अन्य दोषियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई है।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने देर शाम घटनास्थल का दौरा किया और सांघवी के साथ जानवी अस्पताल और सरकारी एसएसजी अस्पताल का दौरा किया तथा हादसे में जीवित बचे लोगों और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की।

पटेल ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और स्थानीय दमकल सेवा सहित अन्य एजेंसियों के कर्मियों द्वारा किए जा रहे बचाव अभियान की भी निगरानी की।

इससे पूर्व शाम में एनडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया था कि चार लोग अब भी लापता हैं और घटनास्थल पर खोज व बचाव अभियान जारी है।

अधिकारियों ने बताया था कि नौका में 27 लोग सवार थे, जिनमें 23 छात्र और चार शिक्षक शामिल थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘वडोदरा की हरनी झील में हुई एक नौका दुर्घटना में लोगों की मौत से व्यथित हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ है। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है। प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जायेगी। घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जायेंगे।’’

वडोदरा के मुख्य दमकल अधिकारी पार्थ ब्रह्मभट्ट ने पहले कहा था कि एजेंसियों के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही स्थानीय निवासी कुछ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल चुके थे।

गुजरात सरकार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए और वडोदरा जिला कलेक्टर को 10 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।

राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि कलेक्टर को उन कारणों और परिस्थितियों की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया गया है जिसकी वजह से यह त्रासदी हुई। यह भी जांच करने निर्देश दिया गया कि क्या ठेकेदार या किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही हुई थी और ऐसी घटनाओं से भविष्य में कैसे बचा जा सकता है।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की।

गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि उन्हें पता चला कि नौका में निर्धारित संख्या से अधिक लोग सवार थे, उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं।

डिंडोर ने कहा, ‘‘मुझे यह भी पता चला है कि दुर्घटना के समय छात्रों ने लाइफ जैकेट नहीं पहन रखी थी। हम (इन गलतियों के लिए) दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’’

अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि जिस नौका को पानी से निकाला गया था उसमें केवल 14 सीट थी।

घटना की सूचना पाकर हरनी झील के आसपास के इलाके से छात्रों के परेशान माता-पिता सहित लोग पहुंचने लगे।

एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘स्कूल शिक्षक का फोन आने के बाद मैं अपने बेटे को लेने के लिए यहां आया था क्योंकि उसकी तबीयत ठीक नहीं थी। मुझे पता चला कि वह नौका पर था। लेकिन शुक्र है कि नौका पलटते ही कुछ लोगों ने उसे बचा लिया।’’

एक व्यक्ति ने रोते हुए कहा, ‘‘मेरी बेटी नौका पर थी। वह पिकनिक पर गई थी। उसकी मृत्यु हो चुकी है और मैं उसके शव की शिनाख्त के लिए यहां आया हूं। इस त्रासदी के लिए मैं किसे जिम्मेदार ठहराऊं।’’

झील के पास रहने वाला मुकेश खावडू नामक युवक उन लोगों में से एक जिन्होंने हादसे पर सबसे पहले प्रतिक्रिया दी।

खावडू ने कहा, ‘‘घटना के समय मैं हरनी झील के पास अपनी दुकान पर था। जब मैंने मदद के लिए एक शिक्षक की चीख सुनी तो मैं तुरंत पानी में कूद गया क्योंकि मैं तैरना जानता हूं। मैंने पलटी हुई नौका से चार बच्चों को बचाया।’’

घटनास्थल के पास लोगों की भीड़ है, साथ ही वहां एनडीआरएफ, दमकल सेवा और एम्बुलेंस के कर्मी मौजूद हैं। कलेक्टर एबी गोर सहित वरिष्ठ अधिकारी बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं।










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