Delhi Stray Dogs: दिल्ली में आवारा कुत्तों से निपटने के लिए जानिये एमसीडी के इस अभियान के बारे में

डीएन ब्यूरो

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने सोमवार को कहा कि नसबंदी, टीकाकरण और निगरानी के लिए पकड़े गए कुत्तों को उनके क्षेत्रों में छोड़ा जा रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

आवारा कुत्तों के लगातार बढ़ रहे हमले
आवारा कुत्तों के लगातार बढ़ रहे हमले


नयी दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने सोमवार को कहा कि नसबंदी, टीकाकरण और निगरानी के लिए पकड़े गए कुत्तों को उनके क्षेत्रों में छोड़ा जा रहा है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

बयान में कहा गया कि पूरी प्रक्रिया पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 के अनुरूप की जा रही है।

राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन के समापन के एक दिन बाद निगम ने यह प्रतिक्रिया दी है।

एमसीडी ने बयान में कहा, “जिन कुत्तों को नसबंदी/टीकाकरण/निगरानी के लिए पकड़ा गया था, उन्हें उन्हीं स्थानों पर छोड़ा जा रहा है, जहां से उन्हें पकड़कर लाया गया था।”

निगम ने कुत्तों से निपटने को लेकर पिछले कुछ दिनों में लगे आरोपों का जवाब भी दिया है। एमसीडी ने कहा, “ सिर्फ तारीफ हासिल करने और निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए अनुचित आरोप व आशंकाएं सार्वजनिक भावना के खिलाफ हैं। एमसीडी कुत्तों के कल्याण के प्रति सचेत है और सभी से शरारतों से बचने का अनुरोध करती है।”

बयान में कहा गया कि शहर के आवारा कुत्तों को सामूहिक रूप से पकड़ने के एमसीडी के फैसले को सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई।

इसने कहा कि रिट याचिका का निपटारा इस निर्देश के साथ किया गया कि एमसीडी पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 के अनुसार आचरण करेगी।

एसमीडी ने कहा कि वह नियमों का पालन करने के लिए पहले से बाध्य है।

कई पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने आवारा कुत्तों को पकड़ने के संबंध में एमसीडी अधिकारियों से संपर्क किया था और जी20 शिखर सम्मेलन के बाद आवारा कुत्तों को उनके क्षेत्रों में वापस भेजने की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा था।

कांग्रेस भी कुत्तों को पकड़ने को क्रूर कृत्य बताते हुए इस विवाद में कूद पड़ी थी और इस संबंध में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया था।










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