कश्मीर शीत लहर का प्रकोप बढ़ा, तापमान फ्रीजिंग प्वाइंट से नीचे लुढ़का

डीएन ब्यूरो

हाड़ कंपा देने वाली ठंड का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर में बांदीपोरा सबसे ठंडा स्थान रहा और इस उत्तर कश्मीरी जिले में न्यूनतम तापमान शून्य से करीब आठ डिग्री सेल्सियस कम रहा।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कश्मीर शीत लहर का प्रकोप बढ़ा
कश्मीर शीत लहर का प्रकोप बढ़ा


श्रीनगर: हाड़ कंपा देने वाली ठंड का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर में बांदीपोरा सबसे ठंडा स्थान रहा और इस उत्तर कश्मीरी जिले में न्यूनतम तापमान शून्य से करीब आठ डिग्री सेल्सियस कम रहा।

उन्होंने बताया कि बांदीपोरा में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.3 डिग्री सेल्सियस नीचे और शोपियां में शून्य से 6.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में मंगलवार रात को न्यूनतम तापमान शून्य से 5.3 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। दक्षिण कश्मीर के काजीगुंद शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया और उत्तरी कश्मीर में गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

कोकेरनाग शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.3 डिग्री सेल्सियस नीचे और कुपवाड़ा में शून्य से 5.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

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अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में मौसम शुष्क है और बर्फबारी नहीं होने से रात में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है जबकि दिन अपेक्षाकृत गर्म हैं। श्रीनगर में दिन का तापमान साल के इस समय के सामान्य तापमान से आठ डिग्री सेल्सियस अधिक है।

कश्मीर लंबे समय से सूखे के दौर से गुजर रहा है और दिसंबर में 79 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। जनवरी के पहले पखवाड़े में घाटी के ज्यादातर हिस्सों में कोई बारिश नहीं हुई है।

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कश्मीर के अधिकतर मैदानी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है। घाटी के ऊपरी इलाकों में सामान्य से कम बर्फबारी हुई है।

कश्मीर में वर्तमान में 40 दिनों की भीषण सर्दी वाली अवधि 'चिल्लई-कलां' जारी है। इन दिनों क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है, जिससे जल निकायों के साथ-साथ पाइप में भी पानी जम जाता है।

इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना अधिक होती है और अधिकांश क्षेत्रों, विशेषकर ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी होती है।

‘‘चिल्लई-कलां’’ का दौर 31 जनवरी को खत्म होगा। इसके बाद 20 दिवसीय ‘‘चिल्लई-खुर्द’’ और 10 दिवसीय ‘‘चिल्लई-बच्चा’’ का दौर शुरू होगा। इस दौरान शीतलहर जारी रहेगी।










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