गोडसे वाले बयान को लेकर गिरिराज सिंह पर हमलावर हुए कपिल सिब्बल, आरएसएस और भाजपा को लेकर कही ये बात
राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने नाथूराम गोडसे को ‘भारत का सपूत’ बताने संबंधी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की टिप्पणी को लेकर शनिवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बयान से भाजपा नेता को लोग देश का ‘सपूत’ नहीं कह सकते हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने नाथूराम गोडसे को ‘भारत का सपूत’ बताने संबंधी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की टिप्पणी को लेकर शनिवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बयान से भाजपा नेता को लोग देश का ‘सपूत’ नहीं कह सकते हैं।
सिंह ने शुक्रवार को नाथूराम गोडसे को ‘भारत का सपूत’ बताया था और कहा कि महात्मा गांधी का हत्यारा बाबर या औरंगजेब की तरह अक्रांता नहीं था, क्योंकि उनका (गोडसे का) जन्म भारत में ही हुआ था।
भाजपा नेता की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘...इस बयान से लोग आपको भारत का सपूत नहीं कह सकते हैं।’’
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हत्यारों के मूल (निवास स्थान) को लेकर उनके बीच विभेद नहीं किया जा सकता!’’
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री सिंह ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा था कि जो लोग खुद को बाबर और औरंगजेब की संतान कहलाने में खुशी महसूस करते हैं, वे भारत माता के सच्चे सपूत नहीं हो सकते।
सिंह ने कहा था, ''अगर गांधी जी के हत्यारे थे, तो गोडसे भारत के सपूत भी थे, वे भारत में ही जन्मे थे, औरंगजेब और बाबर की तरह अक्रांता नहीं थे। और जिसको बाबर की औलाद कहलाने में खुशी महसूस होती है, वह भारत माता का सच्चा सपूत नहीं हो सकता।''
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औरंगजेब के संबंध में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की टिप्पणी पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के गोडसे से संबंधित एक बयान के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने यह कहा था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सिब्बल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘2014-23...को नफरत की संस्कृति, फर्जी खबरों, साम्प्रदायिक राजनीति, एक शासक वाली सरकार, राजनीतिक दिखावा, डेटा में हेरफेर, संस्थागत क्षरण, दब्बू मीडिया, मजाक उड़ाया जाना और भ्रष्टाचार को लेकर याद किया जाएगा।’’
केंद्र में, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-1 और संप्रग-2 सरकारों में मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य निर्वाचित हुए थे।