Journey in Watercolours: सीनियर IAS अधिकारी डॉ. आलोक श्रीवास्तव की कलाकृतियों ने मोहा मन

डीएन ब्यूरो

सीनियर आईएएस अधिकारी डॉ. आलोक श्रीवास्तव की पहली पेंटिंग प्रदर्शनी का राजधानी दिल्ली में उद्घाटन किया गया। डॉ. श्रीवास्तव की सृजनात्मकता कला प्रेमियों का मन मोह रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



नई दिल्ली: वरिष्ठ आईएएस डॉ. आलोक श्रीवास्तव (MP:84) की पेंटिंग प्रदर्शनी का राजधानी दिल्ली में शनिवार को शानदार उद्घाटन हुआ। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) के चेयरमैन जस्टिस अशोक भूषण ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, एनेक्सी में डा. श्रीवास्तव की पेंटिंग प्रदर्शनी का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। 

डॉ. आलोक श्रीवास्तव इस पेंटिंग्स प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर वरिष्ठ आईएएस एवं निदेशक, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर केएन श्रीवास्तव (KN:78) बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।

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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अशोक भूषण का अभिनंदन करते आलोक श्रीवास्तव

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार डॉ. श्रीवास्तव (एमपी:84) की यह पहली पेंटिंग्स प्रदर्शनी है, जिसे 'जर्नी इन वॉटर कलर्स' नाम दिया गया है। आम दर्शक और कला प्रेमी डॉ. श्रीवास्तव की चित्रकारी की इस प्रदर्शनी को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, एनेक्सी में 2 फरवरी 2024 तक देख सकेंगे।

सीनियर आईएएस केएन श्रीवास्तव का अभिनंदन करते आईएएस श्रीवास्तव

अपनी प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रदर्शनी उनके 30-40 वर्षों की यात्रा की संतति है। आईएएस अधिकारी रहते हुए उन्होंने देश-विदेश की जो भी यात्राएं की और इस दौरान जहां कहीं भी मन को छू लेने वाले दृश्य नजर आये, वे अब इन पेटिंग्स और प्रदर्शनी के रूप में सामने हैं। उन्होंने उन सभी लोगों का भी आभार जताया, जिन्होंने इस यात्रा में उनका साथ दिया और सहयोग किया।

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डॉ. आलोक श्रीवास्तव की पहली पेंटिग्स प्रदर्शनी का उद्घाटन

इस अवसर पर डॉ. श्रीवास्तव की पत्नी आईएएस विजया श्रीवास्तव (MP:84)  ने कहा कि कोरोना काल के दौरान आलोक को सृजनशीलता के लिये पर्याप्त समय मिल सका और उन्होंने कई चित्रकारी की, जिसका परिणाम आज हम सभी के सामने है।

पूर्व न्यायाधीश अशोक भूषण को पेटिंग भेटं करते आलोक श्रीवास्तव

डॉ. श्रीवास्तव की सृजनशीलता बताती है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा जैसे अत्यंत व्यस्त और जिम्मेदारियों से भरी सर्विस में रहने के बावजूद भी उनके अंदर हमेशा एक उम्दा कलाकर जीवंत रहा और अब वह अलग-अलग रंगों, चित्रों के जरिये रंग-बिरंगे कैनवास पर उतरकर आम लोगों और कला प्रेमियों से मिलने चला आया है।










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