Jammu &Kashmir: इंटरनेट प्रतिबंध पर समीक्षा पर जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं की बहाली के लिए याचिकाओं पर विचार करने के समीक्षा आदेश “अलमारी में रखने के लिए नहीं हैं।’’ साथ ही न्यायालय ने प्रशासन से उन्हें प्रकाशित करने के लिए भी कहा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 30 January 2024, 6:14 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं की बहाली के लिए याचिकाओं पर विचार करने के समीक्षा आदेश “अलमारी में रखने के लिए नहीं हैं।’’ साथ ही न्यायालय ने प्रशासन से उन्हें प्रकाशित करने के लिए भी कहा।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज को निर्देश लेने और सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत को अवगत कराने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।

यह भी पढ़ें: भाजपा नेता दिल्ली पुलिस प्रमुख से मिले, जानिए क्या की मांग

पीठ ‘फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स’ द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट प्रतिबंधों पर केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता वाली एक विशेष समिति द्वारा पारित समीक्षा आदेशों को प्रकाशित करने की मांग की गई थी।

नटराज ने कहा कि याचिकाकर्ता समिति के विचार-विमर्श के प्रकाशन की मांग कर रहा है। इस पर पीठ ने कहा, “समीक्षा आदेश किसलिए हैं? समीक्षा आदेश अलमारी में रखने के लिए नहीं हैं”।

यह भी पढ़ें: टोयोटा ने रोकी तीन मॉडल की आपूर्ति, जानिए पूरी वजह

पीठ ने आदेश दिया, “हमारा प्रथम दृष्टया विचार है कि (समिति के) विचार-विमर्श को प्रकाशित करना आवश्यक नहीं हो सकता है, लेकिन पारित समीक्षा आदेशों को प्रकाशित करना आवश्यक है। श्री नटराज ने इस पर निर्देश लेने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है। दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करें।”

‘फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स’ की ओर से पेश वकील शादान फरासत ने सुनवाई की शुरुआत में कहा कि प्रशासन को अनुराधा भसीन बनाम भारत संघ और टेलीग्राफ अधिनियम मामले में 2020 के फैसले के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश में इंटरनेट प्रतिबंधों पर समीक्षा आदेश और मूल आदेश प्रकाशित करना आवश्यक है।