New CM of Rajasthan Sunil Bansal: सुनील बंसल डार्क हार्स बनकर उभरे, बनेंगे राजस्थान के नये मुख्यमंत्री
सियासत में कब क्या हो जाए, कुछ पता नहीं चलता। राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की रेस में रविवार शाम तक अश्विनी वैष्णव का नाम सबसे आगे था लेकिन सोमवार शाम होते-होते सुनील बंसल इस रेस में बाजी मारते दिख रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
नई दिल्ली: राजनीति को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है। इसके पीछे की वजह भी साफ है कि सियासत कब किस कदर करवट बदले, कोई नहीं जानता। मध्य प्रदेश इसका सबसे ताजा उदाहरण है। मोहन यादव के नाम के ऐलान के बाद अब राजस्थान के सीएम के नाम का ऐलान मंगलवार को हो जायेगा।
राजस्थान में सीएम की कुर्सी पर बेहद लो-प्रोफाइल, मिलनासार और कुशल संगठनकर्ता सुनील बंसल का बैठना तय माना जा रहा है।
भाजपा नेतृत्व की खास बात
किसी को भी मालूम नहीं था कि मध्य प्रदेश में मोहन यादव सीएम बनेंगे। यही वर्तमान भाजपा नेतृत्व की खास बात है कि उनके फैसले के बारे में कोई भी अंदाजा नहीं लगा पाता।
Sunil Bansal emerged as a dark horse for Rajasthan CM pic.twitter.com/aw2lctLnLE
— Dynamite News (@DynamiteNews_) December 11, 2023
तेजी से बदली सियासी फिजायें
मध्य प्रदेश के राजनीतिक डेवलपमेंट के बाद अब राजस्थान की सियासी फिजायें तेजी से बदल गयी हैं।
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डाइनामाइट न्यूज़ के सूत्रों के अनुसार सुनील बंसल के सिर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री का ताज सजने वाला है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की रेस में रविवार शाम तक रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम सबसे आगे था लेकिन सोमवार शाम होते-होते समीकरण बदल गये।
पीएम मोदी और शाह के भरोसेमंद
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक बंसल पीएम नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बेहद भरोसेमंद हैं। अमित शाह के साथ उन्होंने दस साल पहले कंधे से कंधा मिलाकर भाजपा को 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत यूपी से दिलायी थी। मोदी सरकार बनने के बाद बंसल को यूपी का संगठन मंत्री बनाया गया। वे ABVP से लंबे वक्त तक जुड़े रहे फिर भाजपा के राजनीति की मुख्य धारा में आये।
भाजपा ने बनया राष्ट्रीय महासचिव
कुछ महीनों पहले ही बंसल को भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया और तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया।
न तो सांसद हैं और न ही विधायक
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जब पीएम मोदी गुजरात के सीएम बने थे तब वे न तो सांसद थे और न ही विधायक। वे भाजपा संगठन में थे, ठीक उसी तरह सुनील बंसल भी न तो सांसद हैं और न तो विधायक, वे संगठन में है। राजस्थान में वसुंधरा राजे के तेवरों को थामने के लिए भाजपा नेतृत्व बंसल जैसे बेहद लो-प्रोफाइल चेहरे को आगे बढ़ा सकता है।
सबसे बड़े फैक्टर
सुनील बंसल के पक्ष में ऐसे कई फैक्टर है, जो राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने का उनका सफर आसान करता है। सबसे बड़ा फैक्टर उनका राजस्थान का निवासी होना और ऊपर से कुशल संगठनकर्ता होना है। उनकी संघ की पृष्ठभूमि इस पद पर उनके दावे को और ज्यादा प्रभावशाली बनाती है।
छात्र जीवन से राजनीति
सुनील बंसल का जन्म राजस्थान के कोटपुतली में 20 सितंबर 1969 को हुआ है। वे 1989 में राजस्थान यूनिवर्सिटी के महासचिव चुने गए थे। बाद में उनका झुकाव आरएसएस की ओर हो गया। 1990 में आरएसएस प्रचारक बने।